क्या आप क्रेडिट स्कोर को हल्के में लेते हैं? आपने आखिरी बार अपना क्रेडिट स्कोर कब चेक किया था? ये सवाल खुद से पूछना इसलिए जरूरी है कि आज अच्छा क्रेडिट स्कोर होना बहुत जरूरी है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है तो बैंक आपको लोन देने से इनकार कर सकता है। एनबीएफसी लोन पर आपसे ज्यादा इंटरेस्ट वसूल सकती है। होम लोन और ऑटो लोन का ज्यादा इंटरेस्ट रेट आपकी जेब पर अतिरिक्त बोझ से कम नहीं है। कुछ बातों का ध्यान रखने से आपका क्रेडिट स्कोर कभी खराब नहीं होगा। आइए इन बातों के बारे में जानते हैं।
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो का रखें ख्याल
अच्छे क्रेडिट स्कोर के लिए क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को कम बनाए रखना जरूरी है। यह 30 फीसदी से कम होना चाहिए। इसे हम एक उदाहरण की मदद से समझ सकते हैं। अगर आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपये है तो आपको हर महीने क्रेडिट कार्ड से होने वाला पेमेंट 30,000 रुपये से कम रखने की कोशिश करनी चाहिए। ज्यादा क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो का मतलब यह है कि व्यक्ति अपने जरूरी खर्चों के लिए कर्ज पर निर्भर है। बैंक और एनबीएफसी इसे अच्छा नहीं मानते हैं।
ज्यादा लोन लेने से आपके क्रेडिट स्कोर पर खराब असर पड़ सकता है। ज्यादा क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने का भी क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है। बैंक और एनबीएफसी इससे यह मानते हैं कि व्यक्ति की इनकम कम है, जबकि उसका खर्च ज्यादा है। ऐसे ग्राहक को लोन या क्रेडिट कार्ड इश्यू करने में बैंक या एनबीएफसी दिलचस्पी नहीं दिखाती हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोन के लिए तभी अप्लाई करें जब इसकी बहुत ज्यादा जरूरत हो।
नियमित रूप से क्रेडिट स्कोर चेक करें
क्रेडिट रिपोर्ट को नियमित रूप से चेक करना जरूरी है। कई बार क्रेडिट रिपोर्ट में किसी गलत डेटा की वजह से आपका पूरा क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। इसका पता तभी चलेगा जब आप अपना क्रेडिट स्कोर चेक करेंगे। आज CIBIL, Experian और Equifax जैसी क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करने वाली कंपनियों मुफ्त में क्रेडिट स्कोर चेक करने की सुविधा देती हैं। अगर आपको अपने क्रेडिट स्कोर में कोई गलत डेटा दिखता है तो उसे जल्द ठीक कराए।
पुराने क्रेडिट कार्ड को बंद नहीं कराएं
आपका क्रेडिट कार्ड जितना पुराना होगा, आपके क्रेडिट स्कोर के लिए उतनी अच्छा होगा। पुराना क्रेडिट कार्ड के आधार पर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बनती है। किसी क्रेडिट कार्ड को अचानक बंद कराने से आपकी उपलब्ध क्रेडिट लिमिट घट जाती है, जबकि आपका यूटिलाइजेशन रेशियो बढ़ जाता है। इससे आपका क्रेडिट स्कोर घट जाता है।
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लोन की अवधि ज्यादा लंबी नहीं रखें
कई लोग लोन की अवधि लंबी रखते हैं। इससे लोन की ईएमआई तो कम हो जाती है, लेकिन इंटरेस्ट पर होने वाला कुल खर्च बढ़ जाता है। बैंक और एनबीएफसी कम अवधि वाले लोन में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। लोन की अवधि जितनी कम होती है, बैंक और एनबीएफसी के लिए रिस्क उतना कम होता है। इसलिए अगली बार जब आप पर्सनल लोन लें तो उसकी EMI जितना ज्यादा मुमकिन हो, उतना ज्यादा रखें।