DA Hike: हरियाणा सरकार ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को 55% से बढ़ाकर 58% करने का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से लागू होगी।

DA Hike: हरियाणा सरकार ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को 55% से बढ़ाकर 58% करने का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से लागू होगी।
हरियाणा सरकार का फैसला
वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन या पेंशन पाने वाले सभी कर्मचारी और पेंशनर्स को अब 1 जुलाई 2025 से 58% डीए और डीआर का फायदा लेंगे। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी जारी पत्र में कहा गया है कि अक्टूबर के वेतन और पेंशन में यह बढ़ा हुआ डीए जोड़ा जाएगा, जबकि जुलाई से सितंबर 2025 तक का बकाया (एरियर) नवंबर में दिया जाएगा।
केंद्र सरकार और अन्य राज्यों ने बढ़ाया डीए
हरियाणा से पहले केंद्र सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के लिए 3% डीए बढ़ाने का फैसला किया था, जिससे दर 55% से बढ़कर 58% हो गई। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से लागू मानी गई है। केंद्र के बाद कई राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों को राहत दी है।
उत्तर प्रदेश
यूपी सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए डीए में 3% की बढ़ोतरी की है। अब उन्हें भी 58% डीए मिलेगा। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से लागू होगी। इस फैसले से करीब 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा। राज्य सरकार पर लगभग 1,960 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
बिहार
बिहार सरकार ने भी कैबिनेट बैठक में 3% डीए बढ़ाने की मंजूरी दी है। अब राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को 58% डीए मिलेगा। यह बढ़ोतरी भी 1 जुलाई से लागू मानी जाएगी।
राजस्थान
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी कर्मचारियों का डीए 3% बढ़ाने को मंजूरी दी है। अब राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों को भी 58% डीए मिलेगा।
कर्नाटक
कर्नाटक सरकार ने दिवाली से पहले कर्मचारियों को राहत देते हुए डीए 12.25% से बढ़ाकर 14.25% कर दिया है। यह बदलाव भी 1 जुलाई से लागू है।
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश ने भी केंद्र के फैसले के बाद डीए को 55% से बढ़ाकर 58% कर दिया है। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि इससे हजारों कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिलेगी। डीए यानी महंगाई भत्ता सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को देती है, ताकि बढ़ती महंगाई का असर उनके वेतन पर कम पड़े। इसकी गणना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI-IW) के आधार पर की जाती है, जिसे हर महीने लेबर ब्यूरो जारी करता है।
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