दिल्ली सरकार ने 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है। धमाके की वजह से स्थायी विकलांगता की स्थिति में दिल्ली सरकार की तरफ से 5 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। गंभीर रूप से घायल लोगों को 2-2 लाख रुपये मिलेंगे। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि ब्लास्ट में घायल लोगों के इलाज का खर्च वह उठाएगी। सवाल है कि क्या मुआवजे के इस अमाउंट पर टैक्स लगेगा?
सरकार पीड़ित परिवारों की राहत के लिए देती है मुआवजा
इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, आम तौर पर किसी तरह की इनकम टैक्स के दायरे में आती है। एसबीएचएस एंड एसोसिएट्स के फंडिंग पार्टनर हिमांक सिंगला ने कहा, "दिल्ली की मुख्यमंत्री की तरफ से मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है। यह एक तरह से कैपिटल रिसीट है, क्योंकि इसे हादसे में हुई मौतों की वजह से हुए नुकसान को देखते हुए परिवारों को राहत देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से दिया जाता है।"
मुआवजा किसी सर्विस या प्रोफेशन के एवज में नहीं दिया जाता है
उन्होंने कहा कि इस पैसे का पेमेंट न तो किसी सर्विस के एवज में किया जाता है और न ही यह मुआवजा पाने वाले व्यक्ति के किसी प्रोफेशन या बिजनेस के लिए दिया जाता है। इसलिए हर मृतक के परिवार को मिलने वाला 10 लाख रुपये का यह मुआवजा टैक्स के दायरे में नहीं आएगा। इसे मृतक के परिवार के सदस्य को अपने इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10(BC) के तहत मिलती है टैक्स छूट
पीडी गुप्ता एंड कंपनी के पार्टनर प्रतिभा गोयल ने कहा, "केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी लोकल अथॉरिटी से मिलने वाला पैसा इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आता है।" मुंबई के टैक्स एक्सपर्ट और सीए बलवंत जैन ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "यह पैसा टैक्स के दायरे में नहीं आता है। इसे इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10(BC) के तहत टैक्स से छूट हासिल है। शर्त यह है कि यह पैसा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 के तहत किसी डिजास्टर की स्थिति में दिया जाना चाहिए।"
राहत का अमाउंट टैक्स की वजह कम नहीं होना चाहिए
इनकम टैक्स के इस प्रावधान के तहत राहत या पुनर्वास के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता की रकम टैक्स की वजह से कम नहीं होती है। इसलिए किसी आपदा, हादसा या आतंकी हमलों की स्थिति में सरकार की तरफ से मिलने वाले मुआवजे पर किसी तरह का इनकम टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं पड़ती है। मुआवजे का मकसद मृतक के परिवार को अचानक हुए नुकसान की स्थिति में राहत प्रदान करता है।