Digital life certificate: आधार-बेस्ड फेस ID से कैसे जमा करें डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट? जानिए स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस

Digital life certificate: आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन से पेंशनर अब स्मार्टफोन पर ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकते हैं। EPFO ने इसे और आसान बनाया है। दो ऐप डाउनलोड कर, फेस स्कैन और OTP वेरिफिकेशन पूरा करते ही मिनटों में DLC जारी हो जाता है। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Nov 19, 2025 पर 3:10 PM
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60 से 80 साल की उम्र के पेंशनरों को 30 नवंबर 2025 तक लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना है।

Digital life certificate: पेंशनभोगी अब सिर्फ स्मार्टफोन की मदद से अपना डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) यानी जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। इसके लिए आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन इस्तेमाल करना है। इससे वरिष्ठ नागरिकों के लिए ऑनलाइन सुविधा काफी आसान हो गई है।

60 से 80 साल की उम्र के पेंशनरों को 30 नवंबर 2025 तक लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना है। चाहे वे घर से करें या नजदीकी बैंक/कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर। ऐसा न करने पर उनकी पेंशन रुक सकती है। आइए जानते हैं स्मार्टफोन से लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने का तरीका।

EPFO का नया अपडेट


EPFO ने बताया कि पेंशनर बिना बैंक या सरकारी दफ्तर गए, फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए सीधे अपने फोन से DLC जमा कर सकते हैं। EPFO ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि बस कुछ आसान स्टेप्स के जरिए इसे पूरा किया जा सकता है।

जरूरी ऐप डाउनलोड करें

लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए दो ऐप डाउनलोड करने होते हैं- Jeevan Pramaan Face और AadhaarFaceRD (Early Access)। दूसरा ऐप बैकग्राउंड ऑथेंटिकेशन करता है।

ऑपरेटर ऑथेंटिकेशन

ऐप इंस्टॉल करने के बाद यूजर (या ऑपरेटर- जो खुद पेंशनर भी हो सकता है) एक बार का ऑथेंटिकेशन करता है।

इसमें आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल भरना होता है और FaceRD ऐप के जरिए एक बार चेहरा स्कैन करना पड़ता है।

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पेंशनर की जानकारी और OTP

इसके बाद Jeevan Pramaan ऐप पेंशनर से उसका नाम, आधार नंबर, पेंशन का प्रकार और भुगतान प्राधिकरण की जानकारी मांगता है। इस स्टेप पर एक OTP पेंशनर के मोबाइल या ईमेल पर आता है, जिसे डालकर प्रक्रिया आगे बढ़ती है।

फेस स्कैन और सर्टिफिकेट जारी

अनुमति मिलने के बाद ऐप फोन के फ्रंट कैमरे से पेंशनर का फेस स्कैन करता है। बेहतर स्कैन के लिए अच्छी रोशनी में बैठना और कुछ बार पलक झपकाना मददगार माना जाता है।

कन्फर्मेशन पूरा होने पर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। पेंशनर को SMS के जरिए PDF डाउनलोड लिंक मिलता है और स्क्रीन पर प्रमाण आईडी भी दिखाई देती है।

सर्टिफिकेट की वैधता

DLC की वैधता उस पेंशन डिस्बर्सिंग अथॉरिटी पर निर्भर करती है, जो आमतौर पर एक साल के लिए होती है। वैधता खत्म होने पर प्रक्रिया दोबारा पूरी करनी होगी।

कौन कर सकता है फेस ऑथेंटिकेशन?

आधार-बेस्ड ऑथेंटिकेशन सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए कुछ चीजें जरूरी हैं।

  • पेंशनर का आधार नंबर उसके बैंक/पोस्ट ऑफिस या पेंशन देने वाली संस्था में रजिस्टर हो
  • इंटरनेट वाला एंड्रॉयड स्मार्टफोन हो। कम से कम 5MP फ्रंट कैमरा सलाह दी जाती है।
  • आधार से लिंक मोबाइल नंबर हो ताकि OTP मिल सके।

सुरक्षा और सतर्कता

फेस ऑथेंटिकेशन आसान है, लेकिन साइबर फ्रॉड की आशंका भी रहती है। कई राज्यों की साइबर यूनिट्स ने चेतावनी दी है कि कुछ ठग पेंशनरों से आधार, PPO नंबर और OTP मांगकर बैंक अकाउंट तक पहुंचने की कोशिश करते हैं।

अथॉरिटीज ने सलाह दी है कि पेंशनर सिर्फ आधिकारिक ऐप पर ही जानकारी दें और किसी अनजान कॉल पर OTP साझा न करें।

फेस ऑथेंटिकेशन के विकल्प

जो लोग फेस ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल नहीं करना चाहते, वे अभी भी अन्य तरीकों से लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकते हैं:

  • इंडिया पोस्ट के ग्रामीण डाक सेवक
  • पब्लिक सेक्टर बैंकों की डोरस्टेप बैंकिंग
  • वीडियो KYC
  • बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैनिंग

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