Credit Cards

सेंसेक्स या गोल्ड,अभी किसमें निवेश करने पर अगली दिवाली तक होगी मोटी कमाई?

पिछले करीब 3 हफ्तों से स्टॉक मार्केट में आई गिरावट के बाद शेयरों की कीमतें भी काफी अट्रैक्टिव लेवल पर आ गई हैं। सेंसेक्स अभी 80,334 प्वाइंट्स पर है। उधर, सोने की कीमत 80,000 रुपये (24 कैरेट) प्रति 10 ग्राम पार कर गई है। एक्सपर्ट्स सोने में तेजी जारी रहने की उम्मीद जता रहे हैं

अपडेटेड Oct 23, 2024 पर 6:11 PM
Story continues below Advertisement
एक्सपर्ट्स सोने में डायवर्सिफिकेशन के लिए इनवेस्ट करने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी 5-10 फीसदी तक होनी चाहिए।

गोल्ड ने इस साल शानदार रिटर्न दिया है। स्टॉक मार्केट का प्रदर्शन भी 2024 में अच्छा रहा है। पिछले करीब 3 हफ्तों से स्टॉक मार्केट में आई गिरावट के बाद शेयरों की कीमतें भी काफी अट्रैक्टिव लेवल पर आ गई हैं। सेंसेक्स अभी 80,334 प्वाइंट्स पर है। सोने की कीमत 80,000 रुपये (24 कैरेट) प्रति 10 ग्राम पार कर गई है। ऐसे में सवाल है कि अभी गोल्ड और सेंसेक्स में से किसमें निवेश करने पर शानदार कमाई हो सकती है।

गोल्ड हेजिंग के लिए बेस्ट है

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कोई निवेशक सिर्फ रिटर्न के लिए निवेश करना चाहता है तो उसे शेयरों में इनवेस्ट करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि अलग-अलग टाइम फ्रेम में शेयरों का रिटर्न गोल्ड के मुकाबले ज्यादा रहा है। यह हो सकता है कि किसी खास टाइम फ्रेम में गोल्ड ने ज्यादा रिटर्न दिया हो। लेकिन, रिटर्न के लिहाज से स्टॉक्स का प्रदर्शन अच्छा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि सोना निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया है। सोने में निवेश का मुख्य मकसद हेजिंग है। यह मुश्किल वक्त में बहुत काम आता है। यह इनफ्लेशन के निगेटिव असर से भी बचाता है।


पोर्टफोलियो में 10 फीसदी तक गोल्ड जरूरी

एक्सपर्ट्स सोने में डायवर्सिफिकेशन के लिए इनवेस्ट करने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी 5-10 फीसदी तक होनी चाहिए। अगर निवेशक ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहता है तो वह पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़ाकर 20 फीसदी तक कर सकता है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के चिंतन हरिया ने कहा कि सोने की कीमतें कई बातों पर निर्भर करती हैं।

गोल्ड ईटीएफ निवेश का अच्छा माध्यम

उन्होंने कहा, "सोने की कीमतों पर केंद्रीय बैंकों की मॉनेटरी पॉलिसीज और जियोपॉलिटिकल कंडीशन का असर पड़ेगा। अगर अमरिका में मंदी का डर बढ़ता है तो फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में ज्यादा कमी कर सकता है। इससे सोने को सपोर्ट मिलेगा। लेकिन, अगर अमेरिकी इकोनॉमी में मंदी का खतरा खत्म हो जाता है तो गोल्ड मे नरमी दिख सकती है।" उन्होंने कहा कि जिन निवेशकों के पोर्टफोलियो में गोल्ड नहीं है, वे गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: Diwali पर गोल्ड ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं? पहले जान लें कि ज्वैलर्स ज्वेलरी की कीमत कैसे तय करते हैं

गिरावट के बाद शेयरों में खरीदारी का मौका

अगर किसी इनवेस्टर के पोर्टफोलियो में पहले से गोल्ड की पर्याप्त हिस्सेदारी है तो उसे सेंसेक्स पर दांव लगाना चाहिए। खासकर उसे गिरावट के इस मौके का इस्तेमाल करना चाहिए। अक्टूबर में आई गिरावट के बाद शेयरों की कीमतें काफी अट्रैक्टिव लेवल पर आ गई हैं। निवेश करने में एक बात का ध्यान रखना होगा कि जब मार्केट में गिरावट जारी है तो एकमुश्त निवेश से बचना होगा। इसका मतलब है कि अगर आपको आज एक लाख रुपये का निवेश करना है तो आपको एकमुश्त यह निवेश करने की जगह तीन या चार हिस्सों में निवेश करना ठीक रहेगा।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।