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क्या ज्वैलरी खरीदते समय चेक करते हैं जेमस्टोन सर्टिफिकेट? ऐसे पता लगाएं स्टोन असली है या नकली

क्या आप ज्वैलरी खरीदते समय जेमस्टोन सर्टिफिकेट चेक करते हैं? आप ये कैसे पता लगाते हैं कि ज्वैलरी में लगा स्टोन असली है या नकली? आप ये कैसे पता लगाएंगे की आपने जो महंगी रूबी, एमरैल्ड या नीलम लिया है, वो जमीन से निकला है या लैब में बना है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 24, 2025 पर 7:45 AM
क्या ज्वैलरी खरीदते समय चेक करते हैं जेमस्टोन सर्टिफिकेट? ऐसे पता लगाएं स्टोन असली है या नकली
क्या आप ज्वैलरी खरीदते समय जेमस्टोन सर्टिफिकेट चेक करते हैं?

क्या आप ज्वैलरी खरीदते समय जेमस्टोन सर्टिफिकेट चेक करते हैं? आप ये कैसे पता लगाते हैं कि ज्वैलरी में लगा स्टोन असली है या नकली? आप ये कैसे पता लगाएंगे, आपने जो महंगी रूबी, एमरैल्ड या नीलम लिया है, वो जमीन से निकला है या लैब में बना है? भारत में ज्वेलरी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। गोल्ड ज्वैलरी के साथ अब कीमती रत्न यानी जेमस्टोन का क्वालिटी देखना भी अहम हो गया है। ये जेम्स का सर्टिफिकेट बताता है कि स्टोन कैसा है।

एक सर्टिफाइड जेमस्टोन उस रिपोर्ट के साथ आता है जो किसी स्वतंत्र लैब से बनी होती है। इस रिपोर्ट में यह बताया जाता है कि वह पत्थर या स्टोन असली है या लैब में बना हुआ। इसके अलावा उसका वजन कितना है, रंग कैसा है, क्वालिटी कैसी है और अगर उसमें कोई ट्रीटमेंट किया गया हो तो उसकी भी जानकारी दी जाती है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

जेमोलॉजिकल साइंस इंटरनेशनल (GSI) के रामित कपूर ने कहा कि सर्टिफिकेशन खरीदारों के लिए एक गारंटी की तरह है। GSI की लैब्स जयपुर, मुंबई और कई अन्य शहरों में हैं, जहां हर दिन हजारों रत्नों यानी स्टोन्स की चेकिंग होती है। भारत सरकार चाहती है कि देश की ज्वेलरी इंडस्ट्री साल 2030 तक 200 अरब डॉलर का हो जाए। इस टारगेट को पाने के लिए ट्रांसपेरेंसी और खरीदारों का भरोसा बहुत जरूरी है।

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