क्या आप बेटे की पढ़ाई या किसी रिश्तेदार के इलाज के लिए विदेश पैसे भेजना चाहते हैं? अगर हां तो आपको इसके नियम और कानून जान लेने चाहिए। इससे आप किसी तरह की मुश्किल में नहीं फसेंगे। विदेश पैसे भेजने के आरबीआई के नियम बहुत सख्त हैं। इसे Liberalised Remittance Scheme (LRS) कहा जाता है। यह Foreign Exchange Management Act, 1999 के तहत आता है।
आप कितने पैसे विदेश भेज सकते हैं?
कोई भारतीय व्यक्ति एक फाइनेंशियल ईयर में करेंट अकाउंट या कैपिटल अकाउंट ट्रांजेक्शन के जरिए विदेश 2.5 लाख डॉलर तक भेज सकता है। आप कितनी बार विदेश पैसे भेज सकते हैं, इसकी कोई सीमा तय नहीं है। हालांकि, कोई NRI अपने NRO Account के जरिए एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख डॉलर तक विदेश भेज सकता है। NRE और FCNR अकाउंट्स से पैसे भेजने की कोई सीमा नहीं है।
आप निजी विदेश यात्रा (नेपाल, भूटान छोड़कर), गिफ्ट या डोनेशन, एंप्लॉयमेंट, एमिग्रेशन, करीबी रिश्तेदार के मेंटेनेंस, बिजनेस ट्रेवेल, कॉन्फ्रेंस या स्पेशियलाइज्ड ट्रेनिंग में हिस्सा लेने, मेडिकल एक्सपेंसेज या चेकअप और विदेश में पढ़ाई के लिए पैसे विदेश भेज सकते हैं। आप किसी ऐसे करेंट अकाउंट ट्रांजेक्शन के लिए पैसे विदेश भेज सकते हैं, जो FEMA 1999 में करेंट अकाउंट की परिभाषा के तहत नहीं आता हो।
क्या विदेश पैसे भेजने पर टैक्स लगता है?
1 अक्टूबर, 2020 से विदेश पैसे भेजने पर Tax Collected at Source (TCS) लागू है। अगर आप 7 लाख रुपये से ज्यादा पैसे विदेश भेजते हैं तो 5 फीसदी टीसीएस लगेगा। अगर आप विदेश में एजुकेशन के लिए कोई लोन चुका रहे हैं तो अमाउंट 7 लाख रुपये से ज्यादा होने पर 0.5 फीसदी टीसीएस लागू होगा। अगर आप पैन की जानकारी देना भूल जाते हैं तो आपको उपर्युक्त कैटेगरी के लिए क्रमश: 10 फीसदी और 5 फीसदी टैक्स देना होगा। एनआरआई के मामले में सरचार्ज, एजुकेशन और हेल्थ सेस भी लागू होगा।
विदेश पैसे भेजने पर कितना खर्च आता है?
विदेश पैसे भेजने पर खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप पैसा ऑनलाइन भेजते हैं या ऑफलाइन। इस खर्च में ट्रांसफर फीस, इंटरमीडियरी या कॉरेस्पॉन्डेंट बैंक फीस, करेंसी स्प्रेड, कूरियर चार्ज और जीएसटी शामिल हैं। ऑनलाइन ट्रांसफर में बैंक और ट्रांसफर एजेंट्स दोनों फ्लैट फीस लेते हैं। साथ ही भेजे जाने वाले अमाउंट का कुछ फीसदी और उस पर टैक्स लगता है।