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डॉलर के मुकाबले रुपया 90 के करीब पहुंचा, नुकसान से बचने के लिए इन तरीकों का करें इस्तेमाल

रुपये में डॉलर के मुकाबले जिस तरह से कमजोरी आई है, वह इनवेस्टर्स, कंज्यूमर्स और ज्यादातर कारोबारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। इससे इनवेस्टर्स को निवेश पर मिलने वाला रियल रिटर्न घट सकता है। इंपोर्ट की कॉस्ट बढ़ने से चीजें महंगी हो सकती हैं

Your Money Deskअपडेटेड Dec 02, 2025 पर 8:20 PM
डॉलर के मुकाबले रुपया 90 के करीब पहुंचा, नुकसान से बचने के लिए इन तरीकों का करें इस्तेमाल
ग्लोबल इवेंट्स की वजह से भारत सहित दूसरे उभरते देशों की करेंसी पर दबाव बढ़ जाता है।

डॉलर के मुकाबले रुपया 2 दिसंबर को गिरकर 89.92 पर आ गया। करेंसी की वैल्यू में उतार-चढ़ाव आम बात है। लेकिन, रुपये में डॉलर के मुकाबले जिस तरह से कमजोरी आई है, वह इनवेस्टर्स, कंज्यूमर्स और ज्यादातर कारोबारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। इससे इनवेस्टर्स को निवेश पर मिलने वाला रियल रिटर्न घट सकता है। इंपोर्ट की कॉस्ट बढ़ने से चीजें महंगी हो सकती हैं। आयात पर निर्भर रहने वाले सेक्टर्स का मार्जिन घटेगा। विदेश में पढ़ाई और विदेश यात्रा की कॉस्ट बढ़ जाएगी।

रुपये में कमजोरी का निवेश पर असर

रुपये में कमजोरी का असर निवेश पर पड़ेगा। स्टॉक मार्केट के सेंटीमेंट पर भी इसका असर पड़ेगा, क्योंकि विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली बढ़ सकती है। बॉन्ड यील्ड बढ़ सकती है, लेकिन कमजोर रुपये के चलते रियल रिटर्न घट सकता है। पुणे के फाइनेंशियल मेंटॉर किरांग गांधी ने कहा, "रुपये में लगातार कमजोरी की वजह से ट्रेड डेफिसिट के मामले में असंतुलन पैदा हो सकता है। इससे इनवेस्टर्स की दिलचस्पी सुरक्षित एसेट्स में बढ़ सकती है।"

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