एजुकेशन लोन समय पर न चुकाने से छात्र और गारंटर दोनों को कानूनी और वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सबसे पहले बैंक या वित्तीय संस्था देय राशि के लिए नोटिस भेजती है, जिसके बाद भी अगर भुगतान नहीं होता तो संपत्ति कुर्की और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। यह प्रक्रिया न केवल छात्र के लिए बल्कि गारंटर के लिए भी गंभीर होती है, क्योंकि दोनों के क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
