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Home Loan: होम लोन में ब्याज दर चुनना है मुश्किल? जानिए फिक्स्ड और फ्लोटिंग के फायदे-नुकसान

Home Loan: फिक्स्ड रेट होम लोन में EMI स्थिर रहती है, जिससे बजट प्लानिंग आसान होती है लेकिन ब्याज दर आमतौर पर ज्यादा होती है। फ्लोटिंग रेट में शुरुआती दर कम मिल सकती है, लेकिन मार्केट के हिसाब से EMI बदलती रहती है, यही लंबे समय के लिए अक्सर बेहतर साबित होता है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 24, 2025 पर 10:38 PM
Home Loan: होम लोन में ब्याज दर चुनना है मुश्किल? जानिए फिक्स्ड और फ्लोटिंग के फायदे-नुकसान

घर खरीदना जिंदगी की बड़ी उपलब्धियों में से एक है, लेकिन होम लोन की ब्याज दर चुनना आपके वित्तीय भविष्य पर भरी असर डाल सकता है। फिक्स्ड और फ्लोटिंग दरों के बीच सही चुनाव न केवल आपके EMI को कम कर सकता है, बल्कि लाखों रुपये की बचत भी करवा सकता है।

फिक्स्ड रेट होम लोन में ब्याज दर पूरे लोन अवधि के लिए स्थिर रहती है, जिससे EMI हर महीने समान रहता है। यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो ब्याज दर के उतार-चढ़ाव का जोखिम नहीं लेना चाहते। हालांकि, फिक्स्ड रेट पर ब्याज सामान्यत: फ्लोटिंग रेट से थोड़ा अधिक होता है। अगर बाजार में ब्याज दर गिरती है, तो फिक्स्ड रेट लोन धारक इसका लाभ नहीं उठा पाते। कई मामलों में, फिक्स्ड डील लेने वाले बाद में फ्लोटिंग रेट धारकों के मुकाबले ज्यादा ब्याज चुका चुके होते हैं।

फ्लोटिंग रेट होम लोन में ब्याज दर बैंक और आरबीआई की नीति के आधार पर बदलती रहती है, इसलिए EMI में उतार-चढ़ाव होता रहता है। शुरुआत में फ्लोटिंग रेट कम होता है, जिससे शुरुआती भुगतान आसान लगता है, लेकिन अगर ब्याज दर बढ़ती है तो EMI की रकम भी बढ़ जाती है। पिछले कुछ वर्षों में कई परिवारों को बढ़ती EMI की वजह से अतिरिक्त वित्तीय बोझ झेलना पड़ा है।

अगर आप पहले से फिक्स्ड रेट लोन पर हैं और बाजार में फ्लोटिंग रेट कम है, तो अपने लोन को बैलेंस ट्रांसफर करके कम ब्याज दर पर स्विच कर सकते हैं। इससे लंबे समय में काफी बचत हो सकती है, हालांकि ट्रांसफर के लिए बैंक की प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्जेस का भी ध्यान रखें।

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