1 अगस्त से सरकार एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (ELI) लागू करेगी। इसमें संगठित क्षेत्र में पहली नौकरी पर सरकार 15 हजार रुपए का इंसेंटिव देगी। वहीं नौकरी देने वाली कंपनियों को भी हर नए रोजगार पर इंसेंटिव मिलेगा। स्कीम से जुड़ी सारी बारीकियों पर सेंट्रल PF कमिश्नर रमेश कृष्णमूर्ति ने बताया कि इस स्कीम के तहत पहली नौकरी पर इंसेंटिव मिलेगा। पहली किस्त 6 महीने की नौकरी पूरी होने पर मिलेगी। दूसरी किस्त 12 महीने की नौकरी पूरी होने पर मिलेगी। इस स्कीम के लिए 1 लाख रुपए प्रति माह तक वेतन पाने वाले पात्र होंगे। इसके लिए फाइनेंशियल लिटरेसी की परीक्षा देनी होगी।
इस योजना के तहत अधिकतम 1 लाख रुपये तक की सैलरी वालों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि एक लाख रुपये CTC को माना जाएगा या नेट सैलरी को।
इसके तहत कंपनियों को मिलने वाले लाभ की बात करें तो हर नए कर्मचारी पर कंपनी को 3,000 रुपए प्रति माह तक इंसेंटिव मिलेगा। कंपनियों को 2 वर्षों तक इंसेटिव मिलेगा। ELI स्कीम के नियमों में स्पष्ट है कि कम से कम 6 महीने तो कर्मचारी को काम करना ही होगा। उसके बाद ही 15000 रुपये में से पहली किस्त मिलेगी। अब अगर आपको दूसरी किस्त मिलने से पहले जॉब ऑफर आता है तो इसकी पूरी संभावना है कि दूसरी किस्त का लाभ आप गंवा दें।
नियम के मुताबिक 12वें महीने में आने वाला पैसा आपकी पहली नौकरी के लिए होगा। अगर आप दूसरी नौकरी ज्वाइन करते हैं तो तकनीकी रूप से आप पात्रता की शर्त को पूरा नहीं कर पाएंगे। ऐसे में संभव है कि आपको 15000 का 50 फीसदी ही लाभ हो। हां अगर आप अपनी पहली कंपनी में एक साल पूरा करते हैं तो आपको पूरा पैसा मिलेगा।
एक्सपर्ट का मानना है कि यह स्कीम रोजगार में स्थिरता और ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में रोजगार के विस्तार की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर इसको ठीक से लागू किया है तो यह भारत में दीर्घकालिक रोजगार सृजन का सशक्त माध्यम बन सकती है।