प्राइवेट नौकरी करने वाले ईपीएफओ की स्कीम के दायरे में आते हैं। इसमें एंप्लॉयी अपनी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हर महीने ईपीएफ अकाउंट में कंट्रिब्यूट करता है। इतना ही पैसा एंप्लॉयर हर महीने एंप्लॉयी के ईपीएफ अकाउंट में जमा करता है। इस पैसे का बड़ा रिटायरमेंट फंड में जाता है। दूसरा हिस्सा पेंशन फंड में जाता है। रिटायरमेंट फंड का पैसा एंप्लॉयी के रिटायर करने पर उसे मिल जाता है। पेंशन फंड में जमा पैसे से रिटायरमेंट के बाद हर महीने उसे पेंशन मिलती है। कुछ स्थितियों में रिटायरमेंट फंड में जमा पैसा निकालने की इजाजत है। आइए जानते हैं ये स्थितियां कौन-कौन सी हैं।