EPFO: श्रम और रोजगार मंत्रालय ने Employees Enrolment Scheme 2025 की शुरुआत की है। इस स्कीम का मकसद ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत सामाजिक सुरक्षा का लाभ देना है। इस घोषणा के साथ केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मंसुख मांडविया ने EPFO की नई वेबसाइट www.epfo.gov.in भी लॉन्च की, जिसमें अब ज्यादा आसान इंटरफेस, बेहतर नेविगेशन और सभी सर्विस तक सरल पहुंच दी गई है।
क्या है Employees Enrolment Scheme – 2025?
यह स्कीम नियोक्ताओं (employers) को एक बार का मौका देती है कि वे अपने उन कर्मचारियों को EPF में रजिस्टर करें जो 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच नौकरी में आए थे लेकिन PF कवरेज से बाहर रह गए। यह स्कीम 1 नवंबर 2025 से 30 अप्रैल 2026 तक खुली रहेगी। यानी छह महीने तक नियोक्ता अपने पुराने रिकॉर्ड सुधार सकते हैं और कर्मचारियों को PF से जोड़ सकते हैं।
यह स्कीम सभी कंपनियों और संस्थानों पर लागू है। चाहे वे पहले से EPF के तहत आते हों या नहीं।
नियोक्ता अपने कर्मचारियों का विवरण EPFO पोर्टल पर Electronic Challan-cum-Return (ECR) सिस्टम के जरिए दर्ज कर सकते हैं। हर कर्मचारी का Face Authentication आधारित UAN UMANG ऐप से जनरेट करना जरूरी है।
कर्मचारी अंशदान (employee contribution) नहीं देना होगा, अगर पहले PF नहीं काटा गया था।
सिर्फ 100 रुपये की नाममात्र पेनल्टी देनी होगी, जो सभी EPF स्कीमों में एक साथ लागू मानी जाएगी।
नियोक्ता को सिर्फ अपना PF हिस्सा, ब्याज (Section 7Q) और प्रशासनिक शुल्क भरना होगा।
अगर कोई कंपनी पहले से जांच (Section 7A, Para 26B या Para 8 of EPS-1995) में है, तब भी वह स्कीम का लाभ ले सकती है, और पेनल्टी सिर्फ ₹100 तक सीमित रहेगी।
EPFO कोई नया केस (suo motu action) नहीं खोलेगा, अगर पुराने कर्मचारियों के बकाया क्लियर कर दिए गए हैं।
कर्मचारियों को क्या फायदा होगा?
यह स्कीम उन कर्मचारियों को PF, पेंशन और इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं दिलाने का रास्ता खोलती है जो अब तक किसी कारण से EPFO से नहीं जुड़े थे। इससे लाखों वर्कर्स को लॉन्ग-टर्म सेविंग, रिटायरमेंट सिक्योरिटी और सोशल प्रोटेक्शन का फायदा मिलेगा।
इसके साथ ही EPFO ने अपनी वेबसाइट को नया रूप दिया है। अब www.epfo.gov.in पर मेंबर्स, नियोक्ता और पेंशनर्स के लिए सर्विस ढूंढना पहले से कहीं आसान होगा।