हवाई यात्रा करने वाले लोगों को एयरलाइंस की वेबसाइट या ऐप के जरिए टिकट बुक करने में ज्यादा कीमत चुकाने को मजबूर होना पड़ता है। हर 10 में से 6 यात्रियों ने ड्रिप प्राइसिंग, फाल्स अर्जेंसी और दूसरी वजहों से ज्यादा कीमत वूसले जाने की शिकायत की हैं। लोकलसर्किल्स की स्टडी से यह जानकारी मिली है। इस स्टडी में शामिल 72 फीसदी लोगों ने कहा कि एक सीजन में कई बार हवाई टिकटों की कीमतों की जांच करने पर उन्हें बढ़ी हुई कीमतें दिखाई जाती हैं। इस सर्वे से यह भी पता चला है कि कुछ मामलों में ग्राहकों के वेबसाइट या ऐप पर टिकटों की कीमतें देखने या बुकिंग के दौरान ही कीमतें बढ़ जाती हैं।
वेबसाइट्स पर टिकटों की कीमत ज्यादा दिखाई जाती हैं
हालांकि, अगर अलग इकॉनग्निटो ब्राउजर या डिवाइस का इस्तेमाल वेबसाइट या ऐप को एक्सेस करने के लिए किया जाता है तो ऑरिजिनल फेयर कम दिखता है। कुछ ग्राहकों ने लोकलसर्किल्स पर कम्युनिटी डिस्कशन में बताया कि ऐसा लगता है कि कुछ एयरलाइंस (Airlines) ग्राहक के टिकट बुक करने की संभावना पर नजर गड़ाए रहती हैं और उसके आधार पर टिकट की कीमतें ज्यादा दिखाई जाती हैं। यह सर्वे मई और अगस्त के बीच किया गया। इसमें 322 शहरों के 50 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।
ग्राहक को जल्द बुकिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है
स्टडी में शामिल 80 फीसदी से ज्यादा लोगों ने कहा कि उन्होंने महसूस किया है कि एयरलाइंस कंपनियों के ऐप और ट्रैवल वेबसाइट्स फॉल्स अर्जेंसी दिखाती हैं ताकि टिकट जल्द बुक कर लिया जाए। ग्राहकों को बताया जाता है कि इस प्राइस पर सिर्फ दो सीट्स उपलब्ध हैं। इसका मकसद ग्राहकों को जल्द फैसला लेने के लिए प्रेरित करना होता है। ग्राहक के जल्दबाजी में फैसला लेने पर ट्रैवल प्लान में बदलाव की संभावना बढ़ जाती है। कैंसिल कराने पर उन्हें बताया जाता है कि कनफर्म सीट की वजह से उन्हें रिफंड नहीं मिल सकता या फ्लाइट रिशिड्यूल नहीं हो सकती या कैंसल नहीं की जा सकती।
बगैर मांगे टिकट के साथ कई सेवाएं जोड़ दी जाती हैं
स्टडी में शामिल करीब 62 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें ऐसा अनुभव कई बार हुआ है, जबकि 19 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें कुछ बार ऐसा महसूस हुआ है। एक दूसरी बड़ी समस्या बास्केट स्निकिंग (Basket Sneaking) की है। इसमें ग्राहकों को मांगे बगैर ऑफर या सेवाएं दी जाती हैं। इन सेवाओं में इंश्योरेंस, खाना, सीट सेलेक्शन या एयरपोर्ट्स पर फास्ट लेन का सेलेक्शन शामिल हो सकता है। ये सेवाएं टिकट के साथ जोड़ दी जाती हैं। ध्यान नहीं देने पर ग्राहक इनके लिए भी कीमत चुका देता है।
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62 फीसदी ग्राहकों ने छुपे चार्ज वसूले जाने के बारे में बताया
छुपे चार्जेज भी एक बड़ी समस्या है। करीब 62 फीसदी ग्राहकों ने कहा कि उन्हें कई बार छुपे चार्जेज वसूले जाने का अनुभव हुआ है। जिस प्राइस पर वे टिकट बुक करना चाहते हैं वह उस कीमत से काफी कम होता है, जो उन्हें वास्तव में चुकाना पड़ता है। इसकी वजह छुपे चार्जेज हैं। इन चार्जेज के बारे में ग्राहकों को पहले नहीं बताया जाता है। ये चार्ज तब वसूले जाते हैं जब ग्राहक पेमेंट कर रहा होता है। ग्राहकों ने इस तरह की तरीकों पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। कुछ ने इसे साइबर क्राइम तक बताया। कंज्यूमर्स अफेयर्स सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह ने यहां तक कहा कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग में कंज्यूमर्स को बेवकूफ बनाया जा रहा है।