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Festive Silver Buying: आप जो चांदी खरीद रहे, वो असली है या नकली? आसानी करें पहचान

Festive Silver Buying: दशहरा-दिवाली और धनतेरस पर चांदी खरीदने की पुरानी परंपरा है। लेकिन, क्या आपको पता है कि जो चांदी आप ले रहे हैं, वह असली है या नकली? जानिए कैसे आसानी से कर सकते हैं चांदी की शुद्धता की जांच।

अपडेटेड Sep 27, 2025 पर 10:31 PM
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हॉलमार्किंग का सबसे बड़ा मकसद उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाना है।

Festive Silver Buying: अगर आप इस दशहरा, दिवाली या धनतेरस पर चांदी के सिक्के, बर्तन या गिफ्ट खरीदने की सोच रहे हैं, तो आप अकेले नहीं हैं। चांदी को घर में लाना समृद्धि और शुभ लाभ का प्रतीक माना जाता है। यह भारतीय परिवारों की पुरानी परंपरा भी है।

लेकिन खरीदारी करने से पहले यह जानना जरूरी है कि जो चांदी आप ले रहे हैं, वह सच में शुद्ध है या नहीं। यही भरोसा दिलाने का काम करती है सिल्वर हॉलमार्किंग। यह शुद्धता की आधिकारिक मुहर होती है। इससे गारंटी मिलती है कि आपको वही उत्पाद मिल रहा है, जैसा दावा किया गया है।

हॉलमार्किंग क्या होती है


हॉलमार्किंग का मतलब है किसी कीमती धातु में मौजूद शुद्ध धातु की सटीक मात्रा का पता लगाना और उसे आधिकारिक तौर पर दर्ज करना। यानी यह जांचने का एक तरीका है कि सोना या चांदी उतनी ही शुद्ध है जितनी कही गई है।

हॉलमार्किंग क्यों की जाती है

हॉलमार्किंग का सबसे बड़ा मकसद उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाना है। अक्सर सोने या चांदी की शुद्धता कम कर दी जाती है। ग्राहक को असली कीमत पर नकली या घटिया धातु बेची जाती है। हॉलमार्किंग इस गड़बड़ी पर रोक लगाती है।

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साथ ही, भारत को दुनिया के सबसे बड़े सोना-चांदी बाजार के रूप में स्थापित करना और निर्यात क्षमता बढ़ाना भी हॉलमार्किंग का मकसद है। हॉलमार्क में ऐसी अहम जानकारी होती है जो ग्राहक को सही निर्णय लेने में मदद करती है। जैसे कि धातु की शुद्धता, किस ज्वैलर ने इसे बेचा है, किस जगह पर टेस्टिंग हुई है और कई बार किस साल में इसे बनाया गया।

हॉलमार्क में क्या-क्या देखा जाता है

हॉलमार्क में कुछ खास निशान होते हैं जिनसे शुद्धता की पहचान की जाती है।

  • सबसे पहले आता है BIS का लोगो, जो एक त्रिकोण के रूप में होता है और यह बताता है कि उत्पाद BIS से प्रमाणित है।
  • दूसरा होता है शुद्धता या फाइननेस ग्रेड। चांदी के लिए सबसे मान्य ग्रेड 925 है, जिसका मतलब है 92.5% शुद्धता।
  • तीसरा निशान होता है असेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर का कोड, यानी जहां इस धातु की टेस्टिंग हुई।
  • चौथा होता है ज्वैलर का पहचान चिह्न, जिससे यह पता चलता है कि यह प्रोडक्ट किस रजिस्टर्ड ज्वैलर ने बेचा है।

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त्योहार पर चांदी खरीदते समय क्या ध्यान रखें

अगर आप इस त्योहारी सीजन में चांदी खरीद रहे हैं तो हमेशा हॉलमार्क देखना सबसे जरूरी कदम है। खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि इनवॉइस पर साफ लिखा हो 'BIS Hallmarked।' बिना हॉलमार्क वाली ज्वैलरी या आर्टिकल न खरीदें, चाहे कीमत थोड़ी कम क्यों न हो। इसके अलावा BIS Care ऐप का इस्तेमाल करके आप रियल-टाइम में भी हॉलमार्क की असलियत चेक कर सकते हैं।

नई व्यवस्था और शुद्धता के ग्रेड

सरकार ने 1 सितंबर से चांदी की ज्वैलरी और आर्टिकल्स के लिए स्वैच्छिक हॉलमार्किंग की व्यवस्था लागू की है। नई व्यवस्था में सात अलग-अलग शुद्धता ग्रेड शामिल किए गए हैं- 800, 835, 925, 958, 970, 990 और 999। इसका मतलब है कि अब आपको ज्यादा विकल्प और ज्यादा पारदर्शिता मिलेगी।

इन बातों का भी रखें ध्यान

  • हमेशा हॉलमार्केड चांदी ही खरीदें ताकि आपको असली और शुद्ध धातु मिले।
  • खरीदते समय बिल में स्पष्ट रूप से 'BIS Hallmarked' लिखा होना चाहिए।
  • BIS Care ऐप का इस्तेमाल करके हॉलमार्क की असलीपन तुरंत चेक करें।
  • केवल पंजीकृत ज्वैलर से ही चांदी के सिक्के, बर्तन या गहने खरीदें।
  • खरीदारी के बाद बिल और हॉलमार्क की रसीद संभालकर रखें, भविष्य में जरूरत पड़ सकती है।

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