फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 28 जुलाई को कॉर्पोरेट डेट मार्केट डेवलपमेंट फंड (CDMDF) लॉन्च किया। कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट को बढ़ावा देने के लिए यह फंड लॉन्च किया गया है। डेट मार्केट में दबाव (Stress) के दौरान निर्धारित डेट फंडों के लिए CDMDC बैकस्टॉप फैसिलिटी का काम करेगा। डेट मार्केट में क्राइसिस के दौरान इसका काम इनवेस्टमेंट-ग्रेड कॉर्पोरेट डेट सिक्योरिटीज को खरीदना होगा। इससे कॉर्पोरेट डेट मार्केट्स में म्यूचुअल फंडों और निवेशकों का भरोसा बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही सेकेंडरी मार्केट में कॉर्पोरेट डेट सिक्योरिटी में लिक्विडिटी बढ़ेगी। SBI Fund Management सीडीएमडीएफ के लिए इनवेस्टमेंट मैनेजर का काम करेगा।
इनवेस्टमेंट-ग्रेड कॉर्पोरेट डेट सिक्योरिटीज बेचने की इजाजत होगी
म्यूचुअल फंडों को ऑफर की गई लाइफलाइन अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड के रूप में काम करेगी। शुरुआत में इसमें निर्धारित डेट-ओरिएटेंड म्यूचुअल फंड की स्कीमों और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की तरफ से कंट्रिब्यूशन किया जाएगा। क्राइसिस की स्थिति में म्यूचुअल फंड्स की निर्धारित स्कीमें अपने इनवेस्टमेंट-ग्रेड कॉर्पोरेट डेट सिक्योरिटीज को सीडीएमडीएफ को बेच सकेंगी। यह इस फंड में उनके कंट्रिब्यूशन के अनुपात में होगा। म्यूचुअल फंडों की स्कीमों की तरफ से किए जाने वाले ऐसे कंट्रिब्यूशंस के बारे में फैक्ट शीट और पोर्टफोलियो डिसक्लोजर में स्पष्ट जानकारी दी जाएगी।
सिर्फ व्यापक क्राइसिस के दौरान फंड से मिलेगी मदद
पूरे बाजार में स्ट्रेस होने पर सीडीएमडीएफ म्यूचुअल फंडों से सिक्योरिटीज खरीद सकेगा। यह कॉर्पस मार्केट में व्यापक क्राइसिस की स्थिति में ही उपलब्ध होगा। अगर किसी एक म्यूचुअल फंड हाउस में लिक्विडिटी की प्रॉब्लम होती है तो इस फंड के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी।
CDMDF से बॉन्ड इश्यूअर और निवेशक दोनों को फायदा
निर्मला सीतारमण ने कहा, "फाइनेंशियल सेक्टर इकोनॉमी के मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स में कॉन्फिडेंस का प्रभावी बैरोमीटर होता है। यह ग्रोथ की संभावनाओं का भी संकेत देता है। सीडीएमडीएफ की पहल इश्यूर्स और इनवेस्टर्स दोनों के हित में है।" इस कदम से डेट म्यूचुअल फंड की स्कीमों के जरिए कॉर्पोरेट बॉन्ड के निवेशकों को थोड़ी राहत मिलेगी।
फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड मामले में क्राइसिस की स्थिति बन गई थी
Union Mutual Fund के सीईओ जी प्रदीपकुमार ने कहा, "कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में लिक्विडिटी के लिए सीडीएमडीएफ एक सही कदम है। क्राइसिस के वक्त फंड हाउसेज अपने अच्छी क्वालिटी के ब़ॉन्ड इस फंड को सही प्राइस पर बेच सकेंगे और पैसे जुटा सकेंगे। अभी उन्हें क्राइसिस के वक्त बहुत कम वैल्यूएशंस पर इन्हें बेचना पड़ता है।" अप्रैल 2020 में फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड को रिडेम्प्शन प्रेशर के चलते अचानक अपनी छह स्कीमों को बंद करना पड़ा था। इससे इंडियन डेट मार्केट में लिक्विडिटी बहुत घट गई थी।
बॉन्ड निवेशकों के रिस्क को कम करने के लिए सेबी ने उठाए कई कदम
फ्रैंकलिन टेंपलटन के मामले के बाद से सेबी ने डेट म्यूचुअल फंडों के निवेशकों के रिस्क को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इससे पहले उसने डेट स्कीमों के लिए अपने कॉर्पस का कम से कम 10 फीसदी निवेश लिक्विड सिक्योरिटीज में करने को अनिवार्य बनाया था। सीडीएमडीएफ इसी दिशा में अगला कदम है। इससे म्यूचुअल फंडों को लिक्विडिटी की कमी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।