बीते कुछ सालों में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ी है। बड़ी संख्या में रिटेल इनवेस्टर्स भी डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग कर रहे है। कई रिटेल इनवेस्टर्स को यह नहीं पता कि फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग को इनकम टैक्स के नियमों में बिजनेस माना जाता है। इस वजह से इसके टैक्स के नियम अलग हैं। गाजियाबाद के सौरभ यादव का सवाल है कि उन्हें एफएंडओ ट्रेडिंग में लॉस हुआ है। क्या वे इस लॉस को कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं? मनीकंट्रोल ने इस सवाल का जवाब दिग्गज टैक्स एक्सपर्ट और सीए बलवंत जैन से पूछा।
