Gold Demand in India: भारत में सोने की मांग 2024 में आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। Zerodha Fund House के अनुसार, पिछले तीन दशकों में देश में सोने की खपत लगातार बढ़ी है। 1992 में जहां यह 340 टन थी, वहीं 2024 के अंत तक यह 800 टन से अधिक हो गई।
Gold Demand in India: भारत में सोने की मांग 2024 में आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। Zerodha Fund House के अनुसार, पिछले तीन दशकों में देश में सोने की खपत लगातार बढ़ी है। 1992 में जहां यह 340 टन थी, वहीं 2024 के अंत तक यह 800 टन से अधिक हो गई।
ज्वेलरी के मामले में भारत बना नंबर 1
2024 में भारत ने दुनिया में सबसे ज्यादा सोने की ज्वेलरी खपत करने वाला देश बनने का अपना दर्जा बरकरार रखा। इस साल भारत में 563 टन से अधिक ज्वेलरी खरीदी गई। इसकी कुल कीमत ₹3.6 लाख करोड़ आंकी गई है।
सिक्कों और सोने की ईंटों की भी भारी मांग
ज्वेलरी के अलावा सोने के सिक्कों और बार्स की मांग में भी जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई। 2024 में भारत में इनकी कुल मांग 239 टन रही, जो चीन के बाद दुनिया में दूसरी सबसे अधिक थी। इसका कुल मूल्य ₹1.5 लाख करोड़ रहा, जो पिछले साल की तुलना में 60% ज्यादा है।
भारत में पिछले 10 साल में गोल्ड की डिमांड
साल | कुल मांग (अनुमानित) | वजह |
2015 | 858 टन | मजबूत त्योहारी और शादी के मौसम की मांग |
2016 | 666 टन | उच्च कीमतों और आयात शुल्क के कारण गिरावट |
2017 | 771 टन | स्थिरता और निवेश में सुधार |
2018 | 760 टन | कीमतों में वृद्धि के बावजूद मजबूत मांग |
2019 | 690 टन | कीमतों में वृद्धि और आर्थिक मंदी का प्रभाव |
2020 | 446 टन | COVID-19 महामारी के कारण मांग में गिरावट |
2021 | 797 टन | महामारी के बाद की रिकवरी और निवेश में वृद्धि |
2022 | 774 टन | कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद स्थिर मांग |
2023 | 747 टन | कीमतों में वृद्धि के कारण मांग में हल्की गिरावट |
2024 | 802 टन | 8 वर्षों में उच्चतम स्तर, निवेश और आभूषण दोनों में वृद्धि |
सोर्स: World Gold Council
गोल्ड ETF की लोकप्रियता में उछाल
पारंपरिक फिजिकल गोल्ड निवेश के साथ-साथ भारत में गोल्ड ETF (Exchange Traded Fund) की मांग भी तेजी से बढ़ी है। 2020 में जहां गोल्ड ETF होल्डिंग लगभग 21 टन थी, वहीं 2025 में यह 63 टन से ज्यादा हो चुकी है।
Zerodha Fund House के CEO विशाल जैन ने कहा, 'गोल्ड ETF में तेजी दिखाती है कि अब निवेशक रेगुलेटेड और डिजिटल फॉर्म में गोल्ड को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।'
गोल्ड ETF फोलियो की बेतहाशा बढ़ोतरी
मार्च 2020 से मार्च 2025 के बीच गोल्ड ETF फोलियो की संख्या 13 गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है। इससे यह साफ है कि अब निवेशक गोल्ड ETF को एक सुविधाजनक और सुरक्षित विकल्प के रूप में अपना रहे हैं, जहां फिजिकल स्टोरेज की जरूरत नहीं होती।
गोल्ड ETF और फिजिकल गोल्ड पर टैक्स
गोल्ड ETF को शेयरों की तरह टैक्स ट्रीटमेंट मिलता है। अगर आप इसे 12 महीने से ज्यादा होल्ड करते हैं, तो Long-Term Capital Gains (LTCG) पर 12.5% टैक्स लगता है। इससे कम अवधि में बेचने पर Short-Term Capital Gains (STCG) आपके आयकर स्लैब के हिसाब से टैक्स किया जाता है।
फिजिकल गोल्ड में यह अवधि 24 महीने की होती है, उसके बाद LTCG पर 12.5% टैक्स और उससे पहले बेचने पर STCG पर आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है।
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।