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Gold on record high: अगर इनवेस्टर्स शेयरों में ज्यादा निवेश कर रहे हैं तो फिर गोल्ड कौन खरीद रहा है?

गोल्ड में ज्यादातर तेजी तब दिखती है जब निवेशक असुरक्षित महसूस करते हैं। अगर इतिहास को देखें तो पता चलता है कि गोल्ड की कीमतें तब पीक पहुची जब स्टॉक मार्केट में सेंटिमेंट कमजोर था। लेकिन, इस बार न तो स्टॉक मार्केट्स में डर का माहौल है ओर न ही इनवेस्टर्स खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 17, 2024 पर 6:10 PM
Gold on record high: अगर इनवेस्टर्स शेयरों में ज्यादा निवेश कर रहे हैं तो फिर गोल्ड कौन खरीद रहा है?
2020 में जब पहली बार फिस्कल और मॉनेटरी उपायों का ऐलान हुआ था तब गोल्ड में तेजी आई थी। लेकिन, बाद में मनी सप्लाई बढ़ने और इनफ्लेशन में उछाल के बाद सोने में सुस्ती देखने को मिली।

गोल्ड की कीमतें ऑल-टाइम हाई के करीब चल रही हैं। स्टॉ मार्केट में सेंटिमेंट बुलिश है। इधर गोल्ड की कीमतों में तेजी जारी है। आम तौर पर ऐसा देखने को नहीं मिलता है। गोल्ड में ज्यादातर तेजी तब दिखती है जब निवेशक असुरक्षित महसूस करते हैं। अगर इतिहास को देखें तो पता चलता है कि गोल्ड की कीमतें तब पीक पहुची जब स्टॉक मार्केट में सेंटिमेंट कमजोर था। लेकिन, अभी स्थिति ऐसी नहीं है। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ इंडिविजुअल इनवेस्टर्स सेंटिमेंट सर्वे बताता है कि अभी अमेरिका में इनवेस्टर्स सेंटिमेंट स्ट्रॉन्ग है।

अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज रिकॉर्ड ऊंचाई पर

बैंक ऑफ अमेरिका ग्लोबल फंड मैनेजर सर्वे के नतीजे भी बताते हैं कि मार्केट सेंटिमेंट जून 2020 के बाद सबसे हाई है। इस सर्वे के नतीजे इस महीने आए हैं। बॉन्ड और कैश ऐलोकेशन में कमी आ रही है। सवाल यह है कि फिर गोल्ड की कीमतें क्या लगातार ऊंचाई के नए रिकॉर्ड बना रही हैं। अगर इतिहास को देखें तो गोल्ड ने हमेशा इनफ्लेशन या नोटों की छपाई पर एक जैसी प्रतिक्रिया नहीं जताई है। 2020 में जब पहली बार फिस्कल और मॉनेटरी उपायों का ऐलान हुआ था तब गोल्ड में तेजी आई थी। लेकिन, बाद में मनी सप्लाई बढ़ने और इनफ्लेशन में उछाल के बाद सोने में सुस्ती देखने को मिली।

इस साल ज्यादातर समय गोल्ड और डॉलर की दिशा एक रही

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