Gold Price: सोने की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3,698 डॉलर प्रति औंस तक चला गया है। वहीं, भारत में यह 1,09,511 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तेजी के पीछे घरेलू और वैश्विक, दोनों तरह के कई कारण हैं।
कमजोर रुपया और त्योहारों की डिमांड
भारत में सोने की कीमतें और तेजी से बढ़ी हैं क्योंकि रुपये की गिरावट ने आयात लागत को महंगा कर दिया है। इसके अलावा, त्योहार और शादी का सीजन शुरू हो रहा है, जिसकी वजह से डिमांड भी बढ़ी है।
इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और एस्पेक्ट ग्लोबल वेंचर्स के सीईओ मोहित कंबोज का कहना है, 'निवेशक सोने को एक सुरक्षित हेज मान रहे हैं। हालांकि, जब सोना 1.10 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर जाता है, तो त्योहार और शादियों की वजह से मुनाफावसूली की संभावना भी बढ़ जाती है।'
सोने की रैली को करेंसी और बॉन्ड मार्केट्स से भी सपोर्ट मिल रहा है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एनालिस्ट मानव मोदी ने कहा, 'कमजोर डॉलर और अमेरिकी यील्ड में गिरावट की वजह से सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर है।' फिलहाल डॉलर यूरो के मुकाबले ढाई महीने के निचले स्तर पर है और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4% के करीब बनी हुई है।
बाजार को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) लंबे वक्त बाद ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करेगा। फेड पर राजनीतिक दबाव भी बढ़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेड से 'बड़ी' दर कटौती की मांग की है। मोदी ने कहा, 'इस बार सिर्फ गवर्नर पॉवेल का बयान ही नहीं, बल्कि डॉट प्लॉट और आर्थिक अनुमान भी अहम रहेंगे।'
डॉट प्लॉट अमेरिकी फेडरल रिजर्व का एक चार्ट होता है, जिसमें हर सदस्य यह बताता है कि भविष्य में ब्याज दरें (interest rates) किस स्तर पर रह सकती हैं।
मध्य पूर्व में जारी संघर्ष भी सोने को मजबूती दे रहा है। इजरायल की सेना ने गाजा सिटी में जमीनी हमला शुरू किया है। इससे क्रूड ऑयल सप्लाई चेन पर खतरा बढ़ा है। वहीं, रूस और यूक्रेन युद्ध के फिलहाल रुकने के आसार नहीं दिख रहे हैं। आमतौर पर ऐसे हालात में निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने की ओर रुख करते हैं।