सोने की कीमतें 16 सितंबर को ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गईं। देश और विदेश दोनों में सोने में तेजी देखने को मिली। विदेश में स्पॉट गोल्ड 0.3 फीसदी चढ़कर 3,688.41 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.2 फीसदी की मजबूती के साथ 3,726 डॉलर प्रति औंस पर था। इधर, इंडिया में कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड 0.10 चढ़कर 1.10 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पर चल रहा था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व की मॉनेटरी पॉलिसी से पहले गोल्ड में तेजी का रुख जारी है।
पिछले कई हफ्तों से गोल्ड में तेजी का रुख
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के पूर्व नेशनल प्रेसिडेंट मोहित कंबोज ने कहा, "अनिश्चित समय में इनवेस्टर्स Gold को निवेश के लिए सुरक्षित मान रहे हैं।" उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से गोल्ड के इंपोर्ट की कॉस्ट बढ़ी है। इसका असर भी इंडिया में सोने की कीमतों पर दिख रहा है। पिछले कई हफ्तों से गोल्ड में तेजी जारी है। इससे गोल्ड की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। इस साल अप्रैल में गोल्ड ने ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बनाया था। उसके बाद कीमतों में नरमी देखने को मिली थी। अब फिर से गोल्ड में तेजी है।
अमेरिका में इंटरेस्ट रेट घटने की उम्मीद में चढ़ रहा गोल्ड
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक 16 सितंबर को शुरू होने जा रही है। इसके नतीजें 17 सितंबर को आएंगे। भारत में इसके नतीजों के बारे में 17 सितंबर को देर रात पता चलेगा। अनुमान है कि फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में 0.25 फीसदी की कमी करेगा। इंटरेस्ट रेट में कमी के माहौल में गोल्ड की कीमतें चढ़ती हैं। इनवेस्टर्स ज्यादा रिटर्न के लिए बुलियन में इनवेस्ट करते हैं। इसका असर इसकी कीमतों पर पड़ता है।
गोल्ड में दिख सकती है प्रॉफिट बुकिंग
आस्पेक्ट बुलियन एंड रिफाइनहरी के सीईओ दर्शन देसाई ने कहा, "अगर फेडरल रिजर्व उम्मीद के मुकाबले इंटरेस्ट रेट में कम करता है या उसकी कमेंट्री आक्रामक रहती है तो इससे इनवेस्टर्स को निराशा हो सकती है। ऐसे गोल्ड में गिरावट के मौके का इस्तेमाल खरीदारी के लिए किया जा सकता है।" एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि गोल्ड की कीमतें पिछले कुछ हफ्तों में 250 डॉलर प्रति औंस चढ़ चुकी हैं, जिसमें इसमें प्रॉफिट बुकिंग दिख सकती है। ऐसे में कीमतों में नरमी आएगी।
फाइनेंशियल एडवाइजर्स का कहना है कि इनवेस्टर के पोर्टफोलियो में 10-15 तक गोल्ड की हिस्सेदारी होनी चाहिए। इससे पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन में मदद मिलती है। खासकर रिटेल इनवेस्टर्स को गोल्ड को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए। अगर आपके पोर्टफोलियो में गोल्ड शामिल नहीं है या उसकी हिस्सेदारी कम है तो आप गोल्ड में इनवेस्ट कर सकते हैं। अब गोल्ड में निवेश करना काफी आसान हो गया है। गोल्ड ईटीएफ और म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम में घर बैठे निवेश किया जा सकता है। आप सिप से भी हर महीने फिक्स्ड अमाउंट गोल्ड में निवेश कर सकते हैं।