Gold price outlook: गोल्ड में बनी रहेगी तेजी, ₹1.50 लाख तक जाएगा; एक्सपर्ट ने बताई वजह
Gold price outlook: दुनिया में बढ़ती अनिश्चितता के बीच सोना फिर तेज रफ्तार पकड़ सकता है। एक्सपर्ट का अनुमान है कि गोल्ड अंतरराष्ट्रीय बाजार में $5,000 प्रति औंस तक जा सकता है, जिससे भारत में इसकी कीमत ₹1.50 लाख छू सकती है। एक्सपर्ट से जानिए क्या गोल्ड में निवेश का समय आ गया है?
सोने की कीमतें ऊंची रहने से भारत में ज्वेलरी की वॉल्यूम सेल्स घट गई हैं।
Gold price outlook: गोल्ड की कीमतों में जोरदार रैली के बाद पिछले कुछ समय से सुस्ती देखी जा रही है। लेकिन, एक्सपर्ट का मानना है कि गोल्ड का आउटलुक काफी शानदार है। Kama Jewelry के एमडी कोलिन शाह का कहना है कि दुनिया में बढ़ती अनिश्चितता की वजह से सोना लगातार मजबूत बना रहेगा। उनके मुताबिक, अलग-अलग हिस्सों में बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के बीच सोना एक सेफ-हेवन एसेट की तरह ही काम करता जा रहा है।
शाह कहते हैं, 'सोना इस समय वोलैटाइल जरूर है, आगे भी रहेगा। लेकिन हालात जैसे हैं, सोना फिलहाल सबसे सुरक्षित निवेश है। यह $5,000 प्रति औंस की तरफ बढ़ता दिख रहा है। चाहे अगले 12 महीनों में हो या 15 महीनों में, लेकिन इसका रुख ऊपर ही है।'
गोल्ड अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में $4,041 प्रति औंस पर है। अगर शाह के अनुमान के मुताबिक गोल्ड $5,000 प्रति औंस तक जाता है, तो यह करीब 24% की तेजी होगी। ऐसा होने पर भारतीय बाजार में सोना 1.50 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम हो जाएगा। यह फिलहाल 1.21 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम है।
महंगा सोना, कम हुई ज्वेलरी की बिक्री
सोने की कीमतें ऊंची रहने से भारत में ज्वेलरी की वॉल्यूम सेल्स घट गई हैं। शाह ने बताया, 'दिवाली के दौरान वॉल्यूम काफी नीचे थे… ग्राहक अब पहले जितने ग्राम खरीदते थे, उतना नहीं खरीद रहे।' हालांकि, कीमतें 35-40% बढ़ने की वजह से बिक्री का वैल्यू (यानी कुल रकम) अभी भी स्थिर है।
उन्होंने कहा कि कि अब मांग का बड़ा हिस्सा ETFs, डिजिटल गोल्ड, गोल्ड बार्स और कॉइन्स की ओर शिफ्ट हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, इस साल ज्वेलरी की वॉल्यूम्स लगभग 10-15% घटी हैं।
गोल्ड इंपोर्ट में क्या रुझान है?
शाह के मुताबिक, मंथली इंपोर्ट में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे, लेकिन FY26 में कुल सोने की आयात मात्रा पिछले साल के लगभग बराबर ही रहेगी। बड़ा बदलाव सिर्फ इसमें है कि अब ज्यादा सोना निवेश के लिए (बुलियन), और कम सोना ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग के लिए आ रहा है।
शादी का सीजन देगा खरीदारी को बढ़ावा
कीमतें ऊंची होने के बावजूद आने वाला शादी का सीजन ज्वेलरी खरीद को बढ़ावा देगा। शाह का कहना है, 'ब्राइडल डिमांड मजबूत रहेगी… दिसंबर से मार्च तक खरीदारी में काफी उछाल आता है।'
कई ग्राहकों ने दिवाली के बाद सुधार की उम्मीद में खरीदारी टाल दी थी, लेकिन कीमतें नीचे नहीं आईं। इसलिए अब बिक्री तेज होने की उम्मीद है- भले ही वॉल्यूम कम हों, वैल्यू रिकवर हो जाएगी।
ग्लोबल मार्केट में भी स्थिति सुधर रही
ज्वेलरी एक्सपोर्ट भी अच्छी स्थिति में हैं। दुनिया भर के बाजार दोबारा खुल रहे हैं और सप्लाई रूट सामान्य हो रहे हैं। भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार अमेरिका उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। शाह का कहना है, 'उद्योग को लगता था कि इस साल क्रिसमस सीजन कमजोर रहेगा, लेकिन अब लगता है कि नंबर पिछले साल जैसे ही रहेंगे।'
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