Gold Silver price: भारत में लगातार क्यों गिर रहे सोने-चांदी के दाम, जानिए एक्सपर्ट से

Gold Silver price: सोना-चांदी तीन दिन से लगातार गिर रहे हैं, लेकिन क्या यही गिरावट कल शानदार रैली की शुरुआत बनेगी? एक्सपर्ट का कहना है कि बड़े ट्रिगर्स लाइन में हैं और कीमतें किसी भी वक्त रुख बदल सकती हैं। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Nov 18, 2025 पर 5:31 PM
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शॉर्ट टर्म में सोना-चांदी पर दबाव जरूर है, लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि मीडियम टर्म में कीमतों को मजबूत सपोर्ट मिलता रहेगा।

Gold Silver price: भारत में मंगलवार (18 नवंबर) को सोने और चांदी की कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज हुई। इसका सबसे बड़ा कारण दिसंबर में होने वाली संभावित US Fed रेट कट की उम्मीदों का कमजोर पड़ना है।

MCX पर दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स ₹1,807 (1.47%) टूटकर ₹1.21 लाख प्रति 10 ग्राम पर आ गए। फरवरी 2026 कॉन्ट्रैक्ट भी इसी तरह गिरकर ₹1.22 लाख पर पहुंचा। चांदी के दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट में ₹3,660 (2.36%) की गिरावट आई और यह ₹1.51 लाख प्रति किलो पर ट्रेड हुआ। मार्च 2026 कॉन्ट्रैक्ट ₹1.54 लाख प्रति किलो तक फिसला। Mehta Equities के राहुल कलंत्री के मुताबिक, रेट कट उम्मीदों में कमी और मजबूत डॉलर की वजह से कीमती धातुओं में कमजोरी बनी हुई है।

ग्लोबल मार्केट में भी गिरावट


अंतरराष्ट्रीय बाजार में Comex गोल्ड (दिसंबर) 1.60% टूटकर $4,009.5 प्रति औंस पर पहुंच गया। यह लगातार चौथा दिन गिरा है और पिछले चार सत्रों में इसमें $204 की कमी आई है। Comex सिल्वर $49.50 प्रति औंस पर आ गई, जो सोमवार के $50.71 से कम है।

Reliance Securities के जिगर त्रिवेदी का कहना है कि US रेट कट की घटती उम्मीदें और पिछले छह हफ्तों में बड़े मैक्रो डेटा की कमी ने सेंटिमेंट को कमजोर किया है। Fed अधिकारियों के ताजा बयान भी बाजार को दबाव में डाल रहे हैं। Fed के वाइस चेयरमैन फिलिप जेफरसन का कहना है कि अभी ब्याज दर में आक्रामक कटौती का अंदाजा नहीं है।

घरेलू फैक्टर्स का भी असर

भारत में अक्टूबर में सोने का आयात लगभग तीन गुना बढ़कर $14.72 बिलियन पहुंच गया। अप्रैल-अक्टूबर के बीच कुल आयात 21% बढ़कर $41.23 बिलियन हो गया, जिससे देश का मासिक ट्रेड डेफिसिट रिकॉर्ड $41.68 बिलियन तक पहुंच गया।

IBJA की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कंबोज के मुताबिक, त्योहारों के बाद बाजार अब सामान्य डिमांड पैटर्न की ओर लौट रहा है। उनका कहना है कि तेज उछाल के बाद सोने में हल्की गिरावट आई है, लेकिन ओवरऑल आउटलुक स्थिर है और निवेशक इस करेक्शन का इस्तेमाल धीरे-धीरे एंट्री के लिए कर सकते हैं। वहीं, चांदी की फिजिकल डिमांड अभी भी असमान बनी हुई है।

आगे क्या देख रहे हैं ट्रेडर्स?

अब बाजार की नजर इस हफ्ते आने वाले अहम अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों पर है। बुधवार को फेड मीटिंग मिनट्स और गुरुवार को US नॉन-फार्म पे-रोल डेटा जारी होगा, जिनसे ब्याज दरों के रुख पर नई संकेत मिलेंगे। दिसंबर में रेट कट की संभावना अब घटकर करीब 43% रह गई है, जो महीने की शुरुआत में 60% थी। यही वजह है कि सोने-चांदी की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

गोल्ड-सिल्वर का आउटलुक

शॉर्ट टर्म में सोना-चांदी पर दबाव जरूर है, लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि मीडियम टर्म में कीमतों को मजबूत सपोर्ट मिलता रहेगा। इसकी तीन बड़ी वजहें हैं- केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीद, दुनिया भर में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका के तेजी से बढ़ते कर्ज को लेकर बढ़ती चिंता।

एक्सपर्ट के मुताबिक, ये सभी फैक्टर मिलकर सोना-चांदी की कीमतों के लिए एक मजबूत बैकअप बनाए रखते हैं। इससे मीडियम टर्म में इनके फिर से संभलने और ऊपर जाने की संभावना बनी हुई है।

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Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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