Gold Rate Today: सोने के भाव में लगातार चौथे दिन गिरावट आई है। दिल्ली, मुंबई, राजस्थान जैसे बड़े शहरों में 10 ग्राम 24 सोने का भाव 97,500 रुपये 22 कैरेट सोने का रेट 89,400 रुपये के ऊपर ही बना हुआ है। सोने के दाम में लगातार गिरावट आ रही है लेकिन चांदी नए पीक पर कारोबार कर रही है। चांदी का भाव 1,09,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही है। यहां जानें आज बुधवार 11 जून 2025 को देश के बडे़ शहरों में क्या रहा सोने-चांदी का भाव।
सोने में क्यों आ रही है लगातार गिरावट
सोने की कीमत में गिरावट की सबसे बड़ी वजह है कि ज्वेलर्स और थोक व्यापारी (स्टॉकिस्ट) लगातार सोना बेच रहे हैं। जब बाजार में खरीदारी कम होती है तो व्यापारी अपने पास का सोना बेचने लगते हैं, जिससे दाम नीचे आने लगते हैं। साथ ही, अमेरिका और चीन के बीच चल रहा ट्रेड वार थोड़ा शांत हुआ है, जिससे लोग सोने में पैसा लगाने से पीछे हट रहे हैं। इससे भी सोने की मांग घटी और कीमत में गिरावट आई।
दूसरी वजह है कि इस हफ्ते अमेरिका में महंगाई और लोगों की खरीदारी से जुड़े कुछ बड़े आंकड़े आने वाले हैं। इन आंकड़ों से यह तय होगा कि वहां की सरकार ब्याज दरों में कटौती करेगी या नहीं। अगर ब्याज दरें घटती हैं तो डॉलर मजबूत हो सकता है और सोने की कीमत और गिर सकती है। ऐसे संकेतों की वजह से भी निवेशक सतर्क हो गए हैं और फिलहाल सोने से दूरी बना रहे हैं।
देश के बड़े शहरों में 22 और 24 कैरेट सोने का भाव
बुधवार 11 जून को सोने की कीमतों में गिरावट आई है। दिल्ली में 22 कैरेट सोना 89,590 रुपये और 24 कैरेट सोना 97,720 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। मुंबई में भी 22 कैरेट सोना 89,440 रुपये और 24 कैरेट सोना 97,570 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है। पटना, लखनऊ, जयपुर जैसे शहरों में भी सोने के दाम लगभग इसी प्राइस रेन्ज में बने हुए हैं।
चांदी हुई महंगी - 11 जून 2025
चांदी का भाव 1,09,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर है। आज चांदी के भाव में करीबन 1000 रुपये तक की तेजी आई है। जहां एक और सोने का भाव लगातार गिर रहा है, वहीं चांदी का भाव लगातार ऊंचाई के नए पीक बना रहा है। कई एक्सपर्ट का मानना है कि दिवाली तक चांदी 1,20,000 रुपये होगी।
कैसे तय होती हैं सोने की कीमत?
भारत में सोने की कीमतें कई वजहों से तय होती हैं, जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव, रुपये की कीमत और सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स। हमारे देश में सोना सिर्फ निवेश नहीं बल्कि परंपरा और त्योहारों से भी जुड़ा होता है। खासकर शादियों और त्योहारी सीजन में इसकी मांग अचानक बढ़ जाती है, जिससे दाम भी ऊपर चले जाते हैं।