Gold Prices: सोने के दाम में 4 दिन बाद गिरावट, रिकॉर्ड हाई से आया नीचे, अब आगे कैसे रहेंगे भाव
Gold Prices: सोने के भाव में लगातार चार दिनों की तेज उछाल के बाद आज 9 अक्टूबर को हल्की गिरावट देखने को मिली। निवेशकों ने सोने में मुनाफावसूली की, जिसके इसकी कीमतें अब ऑल टाइम हाई से नीचे आ गई हैं। हालांकि एनालिस्ट्स का कहना है कि मौजूदा गिरावट अस्थायी है और मीडियम टर्म में सोने का रुझान अब भी मजबूत बना हुआ है
Gold Prices: गोल्ड का स्पॉट भाव गुरुवार को 0.4% गिरकर 4,020.99 डॉलर प्रति औंस पर आ गया
Gold Prices: सोने के भाव में लगातार चार दिनों की तेज उछाल के बाद आज 9 अक्टूबर को हल्की गिरावट देखने को मिली। निवेशकों ने सोने में मुनाफावसूली की, जिसके इसकी कीमतें अब ऑल टाइम हाई से नीचे आ गई हैं। हालांकि एनालिस्ट्स का कहना है कि मौजूदा गिरावट अस्थायी है और मीडियम टर्म में सोने का रुझान अब भी मजबूत बना हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड का स्पॉट भाव गुरुवार को 0.4% गिरकर 4,020.99 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। एक दिन पहले ही इसने 4,059.05 डॉलर प्रति औंस का ऑलटाइम हाई छुआ था। वहीं, अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स के भाव 0.7% गिरकर 4,040.70 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहे थे।
इस बीच भारत में गुरुवार को सोने के दाम लगभग स्थिर रहे। सुबह के कारोबार में 24 कैरेट सोने का भाव 12,415 रुपये प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने का भाव 11,380 रुपये और 18 कैरेट सोने का भाव 9,311 रुपये प्रति ग्राम था।
मुनाफावसूली से आई गिरावट
इससे पहले पिछले 4 दिनों से सोने के भाव में जोरदार तेजी देखी जा रही थी। इस तेजी के चलते सोने का भाव पहली बार 4,000 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गया। यह तेजी बढ़ती महंगाई, भू-राजनीतिक तनाव और सुरक्षित निवेश की मांग से प्रेरित थी। हालांकि, इजराइल-हमास संघर्ष में संभावित युद्धविराम की खबरों और टेक्निकल चार्ट पर ओवरबॉट जोन में जाने के चलते निवेशकों ने इसमें गुरुवार को मुनाफावसूली की।
Aspect Bullion & Refinery के सीईओ दर्शन देसाई ने कहा, “मिडिल ईस्ट में शांति वार्ता की शुरुआत से सुरक्षित निवेश की मांग कुछ कम हुई है। लेकिन मौजूदा सुधार को खरीदारी का मौका माना जा सकता है। भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक जोखिम अभी भी बरकरार हैं।”
फेडरल रिजर्व की दरों में कटौती की उम्मीद
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सितंबर बैठक के मिनट्स से संकेत मिला है कि केंद्रीय बैंक अब ब्याज दरों में कटौती की ओर झुकाव दिखा रहा हैं। हालांकि महंगाई दर अभी भी केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से ऊपर है, लेकिन जॉब मार्केट में सुस्ती उन्हें ब्याज दरों में कटौती के लिए प्रेरित कर सकती है। शेयर बाजार अब अक्टूबर और दिसंबर में दो बार ब्याज दरों में 0.25-0.25% की कटौती की उम्मीद कर रहा है। आमतौर पर ब्याज दरों के घटने से निवेश के लिए सोने की मांग बढ़ जाती है।
ग्लोबल अनिश्चितता से भी बढ़ी मांग
राजनीतिक अस्थिरता, अमेरिका में जारी सरकारी शटडाउन और करेंसी बाजार की कमजोरी के बीच निवेशकों ने गोल्ड को सुरक्षित विकल्प के रूप में अपनाया है।
मेहता इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज) राहुल कलंत्री ने कहा, “केंद्रीय बैंकों की मजबूत खरीद और ETF इनफ्लो से सोना सपोर्टेड बना हुआ है। बीच-बीच में मुनाफावसूली भले दिखे, लेकिन लॉन्ग-टर्म मोमेंटम पॉजिटिव है।” उन्होंने बताया कि सोने का सपोर्ट लेवल $3,980–$3,940 प्रति औंस और रेजिस्टेंस लेवल $4,055–$4,085 प्रति औंस के बीच रहेगा।
साल 2025 का सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला एसेट
इस साल अब तक सोने में 55% की जबरदस्त बढ़त देखी गई है, जो शेयर मार्केट और दूसरी कमोडिटीज से कहीं बेहतर है। पीएल कैपिटल के सीईओ इंदरबीर सिंह जॉली ने कहा, “गोल्ड के लिए ₹1.20 लाख प्रति 10 ग्राम का स्तर पार करना एक मनोवैज्ञानिक मील का पत्थर है। यह तेजी ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितता और निवेशकों की सतर्कता को दिखाती है।”
निवेश का नजरिया
एनालिस्ट्स का मानना है कि शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, लेकिन मध्यम और लंबी अवधि के लिए सोने का आउटलुक अभी भी पॉजिटिव बना हुआ है। केंद्रीय बैंकों की ओर सोने की खरीदारी, गोल्ड ETF में बढ़ता निवेश और मॉनिटरी पॉलिसी में संभावित नरमी जैसे फैक्टर्स मिलकर सोने को एक आकर्षक हेज एसेट बनाए रखते हैं।
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