Gold silver price: फिर सस्ते हुए सोना और चांदी, इन 5 वजहों से गिरे दाम; एक्सपर्ट से जानें पूरा हाल

Gold silver price: 20 नवंबर को सोना-चांदी फिर गिर गए, लेकिन इस बार वजह सिर्फ मजबूत डॉलर नहीं है। फेड की बदलती नीति, ग्लोबल वोलैटिलिटी और अचानक उभरे नए संकेत कीमतों पर बड़ा असर डाल रहे हैं। कौन-सी पांच वजह सबसे अहम हैं, जानिए।

अपडेटेड Nov 20, 2025 पर 2:51 PM
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मेहता इक्विटीज के राहुल कलंत्री के मुताबिक, सोने को 4,035-4,000 डॉलर प्रति औंस पर मजबूत सपोर्ट है। व

Gold silver price: सोना और चांदी के दाम गुरुवार (20 नवंबर) को वैश्विक बाजारों की सतर्क चाल के बीच दबे रहे। हालांकि भारत में शादी के पीक सीजन की वजह से घरेलू मांग अभी भी मजबूती दिखा रही है।

भारत में 24 कैरेट सोना ₹12,469 प्रति ग्राम और 22 कैरेट सोना ₹11,430 प्रति ग्राम पर मिल रहा है। चांदी ₹165 प्रति ग्राम यानी ₹1.65 लाख प्रति किलो पर ट्रेड हो रही है। MCX पर भी दोपहर 2.20 बजे तक गोल्ड और सिल्वर 0.50% से अधिक की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे थे।

वैश्विक बाजारों में दबाव क्यों?


अंतरराष्ट्रीय मार्केट में स्पॉट गोल्ड 0.4% गिरकर 4,064 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.5% टूटे। चांदी भी 1% से ज्यादा गिरावट के साथ ट्रेड कर रही है। यह गिरावट मजबूत डॉलर और दिसंबर में फेडरल रिजर्व की संभावित रेट कट की उम्मीदों के घटने से जुड़ी है।

OANDA के सीनियर मार्केट एनालिस्ट केल्विन वोंग का कहना है कि पिछले दो हफ्तों में रेट कट की उम्मीदें काफी कम हो गई हैं। उनके मुताबिक, सोना शॉर्ट टर्म में 4,100 डॉलर से नीचे रह सकता है और कीमतें 4,000-3,980 डॉलर की ओर जा सकती हैं।

गोल्ड प्राइस गिरने के 5 कारण

  • अमेरिकी डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। इससे दूसरे देशों के लिए गोल्ड खरीदना महंगा हो गया है।
  • फेड की दिसंबर रेट-कट की उम्मीदें 50% से घटकर ~33% हो गईं, इसलिए गोल्ड की सेफ-हेवन डिमांड कम हुई।
  • अमेरिका की नॉन-फार्म पेरोल (NFP) रिपोर्ट में देरी, बाजार में अनिश्चितता बढ़ी और गोल्ड कमजोर हुआ।
  • जापान के कैरी-ट्रेड अनवाइंडिंग की चिंता, जिससे ग्लोबल मार्केट वोलैटाइल हुए और सोने पर दबाव आया।
  • Nvidia जैसी अमेरिकी टेक कंपनियों के रिजल्ट अच्छे आए हैं। इससे गोल्ड के बदले शेयर मार्केट की ओर रुझान बढ़ा है।

क्या रेट कट करेगा फेड?

दिसंबर में रेट कट की संभावना पहले करीब 50% थी, जो अब घटकर लगभग 33% पर आ गई है। डॉलर में मजबूती और फेड की हालिया मीटिंग मिनट्स ने संकेत दिए हैं कि केंद्रीय बैंक ढील देने को लेकर सतर्क है।

Motilal Oswal Financial Services के मानव मोदी के मुताबिक, यह एक 'डिवाइडेड फेड' था यानी फेडरल रिजर्व के अंदर राय एक जैसी नहीं थी। चिंता यह थी कि जल्द ढील देने से महंगाई पर काबू पाने की प्रगति धीमी पड़ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि अक्टूबर के अमेरिकी रोजगार आंकड़ों का रद्द होना और जापान के कैरी-ट्रेड अनवाइंडिंग को लेकर बढ़ी चिंताओं ने बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ाया है।

जब निवेशक सस्ती मुद्रा (जैसे जापानी येन) में पैसा उधार लेकर महंगी मुद्रा वाले देशों में निवेश करते हैं, उसे कैरी ट्रेड कहते हैं। लेकिन जब बाजार में डर, वोलैटिलिटी या नुकसान की आशंका बढ़ती है, तो वे जल्दी से यह निवेश बेचकर पैसा वापस चुकाते हैं। इस बेचने की हड़बड़ी को कैरी-ट्रेड अनवाइंडिंग कहा जाता है। और इससे ग्लोबल मार्केट पर तुरंत दबाव पड़ता है।

अब नजर किस डेटा पर होगी?

बाजार की नजर अब अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल्स रिपोर्ट पर है, जिससे आगे की नीति का संकेत मिलेगा। यह रिपोर्ट देरी से आ रही है, इसलिए बाजार और ज्यादा सतर्क दिख रहा है।

शादी के सीजन से मजबूत मांग

वैश्विक कमजोरी के बावजूद भारत में खरीदारी का माहौल मजबूत है। IBJA की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कम्बोज ने कहा कि 24 कैरेट सोने के दाम में हल्की बढ़त देखी गई है, जो शादी की खरीद और निवेशकों की दिलचस्पी से सपोर्टेड है। चांदी में भी ज्वेलरी और निवेशकों की तरफ से स्थिर मांग बनी हुई है।

गोल्ड के लिए सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल

मेहता इक्विटीज के राहुल कलंत्री के मुताबिक, सोने को 4,035-4,000 डॉलर प्रति औंस पर मजबूत सपोर्ट है। वहीं, 4,115-4,140 डॉलर प्रति औंस पर रेजिस्टेंस देखने को मिल रहा है।

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