सरकार ने इनकम टैक्स बिल, 2025 के पहले वर्जन को वापस ले लिया है। इस बिल को इस साल 13 फरवरी को सरकार ने लोकसभा में पेश किया था। यह इनकम टैक्स, 1961 की जगह लेने वाला था, जो वर्तमान में लागू है। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को 8 अगस्त को बताया कि नए इनकम टैक्स बिल के पहले वर्जन को औपचारिक रूप से वापस ले लिया गया है।
11 अगस्त को पेश होगा बिल का नया वर्जन
सरकार Income Tax Bill, 2025 का दूसरा वर्जन 11 अगस्त को पेश करेगी। बताया जाता है कि इस वर्जन में संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल किया गया है। बीजेपी सासंद बैजयंत पांडा की अगुवाई वाली संसदीय समिति ने इस इनकम टैक्स बिल, 2025 की समीक्षा की थी। उसके बाद उसने टैक्सपेयर्स खासकर छोटे टैक्सपेयर्स के हित में बिल में कई बदलाव करने की सलाह सरकार को दी थी।
भ्रम की स्थिति बनने से रोकने के लिए पहला वर्जन लिया वापस
सूत्रों ने बताया कि सरकार इनकम टैक्स बिल, 2025 के कई वजर्न से भ्रम की स्थिति नहीं पैदा होने देना चाहती थी। इसलिए उसने पहले वर्जन को पूरी तरह से वापस ले लिया है। बिल का नया वर्जन 11 अगस्त को सरकार लोकसभा में पेश करेगी। सरकार अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल, 2026 से इस बिल को लागू करना चाहती है। इसके लागू होने के बाद करीब 6 दशक पुराने टैक्स के नियम और कानून पूरी तरह से बदल जाएंगे। पुराने नियमों की जगह नए नियम ले लेंगे।
नए इनकम टैक्स बिल की लैंग्वेज समझने में काफी आसान
सरकार इनकम टैक्स के मौजूदा नियमों को आसान बनाने के लिए इनकम टैक्स बिल, 2025 को पारित कराना चाहती है। नए बिल में जटिल नियम और कानूनों की जगह आसान नियम और शर्तें शामिल की गई है। इनकम टैक्स के नियम और शर्तों की भाषा आसान बनाने की कोशिश की गई है। उन शब्दों को हटा दिया गया है, जिन्हें कठिन माना जाता है। अभी इनकम टैक्स के जो नियम लागू हैं, उसकी भाषा काफी मुश्किल है। किसी आम टैक्सपेयर के लिए इन्हें समझना टेढ़ी खीर है।
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में 65 संसोधन हो चुके हैं
अभी इनकम टैक्स एक्ट, 1961 लागू है। यह 1 अप्रैल, 1962 से लागू है। अब तक इसमें 65 संशोधन किए जा चुके हैं। इसके अलग-अलग प्रावधानों में 4,000 से ज्यादा संशोधन किए गए हैं। टैक्सपेयर्स को यह ध्यान में रखना जरूरी है कि अगले वित्त वर्ष से इनकम टैक्स के नए एक्ट के लागू होने के बाद टैक्स के रेट्स में कोई बदलाव नहीं होगा। सरकार इस बारे में पिछले महीने स्थिति स्पष्ट कर चुकी है। सरकार ने उन खबरों पर स्थिति साफ करने की कोशिश की थी, जिनमें कहा गया था कि नए एक्ट के लागू होने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के नियम बदल जाएंगे।
नया इनकम टैक्स बिल अगले साल 1 अप्रैल से लागू होगा
सरकार ने कहा था कि नए बिल से टैक्स के रेट्स में कोई बदलाव नहीं आएगा। सरकार ने यह भी कहा था कि इस बारे में अगर किसी तरह की भ्रम की स्थिति पैदा होती है तो बिल को संसद में पास कराने के दौरान उसे दूर किया जाएगा। लोकसभा में बिल पेश होने के बाद इस पर व्यापक चर्चा होगी। इसके लिए अलग से समय तय होगा। फिर इस पर राज्यसभा में अलग से चर्चा होगी। दोनों सदनों से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा।