GST Return: करते हैं अपना बिजनेस? जीएसटी पर आया बड़ा अपडेट, बदल गया है GST सिस्टम

GST Return: अगर आप जीएसटी रिटर्न फाइल करते हैं, तो आपके लिए जरूरी खबर है। मई 2025 से सरकार ने GSTR-1 फॉर्म में बड़ा बदलाव किया है। अब कारोबारियों को अपने B2B यानी बिजनेस-टू-बिजनेस और B2C यानी बिजनेस-टू-कंज्यूमर कारोबार की जानकारी अलग-अलग देनी होगी

अपडेटेड Jun 11, 2025 पर 3:54 PM
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GST Return: अगर आप जीएसटी रिटर्न फाइल करते हैं, तो आपके लिए जरूरी खबर है।

GST Return: अगर आप जीएसटी रिटर्न फाइल करते हैं, तो आपके लिए जरूरी खबर है। मई 2025 से सरकार ने GSTR-1 फॉर्म में बड़ा बदलाव किया है। अब कारोबारियों को अपने B2B यानी बिजनेस-टू-बिजनेस और B2C यानी बिजनेस-टू-कंज्यूमर कारोबार की जानकारी अलग-अलग देनी होगी।

इस बदलाव का मकसद है कि रिटर्न में दी जा रही जानकारी ज्यादा साफ और सटीक हो। सरकार चाहती है कि टैक्स से जुड़े आंकड़े एकदम सही हों, जिससे टैक्स अधिकारियों को यह जानने में आसानी हो कि किस सेक्टर में कितना कारोबार हो रहा है। इससे टैक्स चोरी पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। साथ ही ई-इनवॉइस व रिटर्न के आंकड़ों में मिलान करना आसान होगा।

अब GSTR-1 में टेबल 12 को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। एक हिस्सा सिर्फ B2B ट्रांजेक्शन के लिए होगा, जहां HSN कोड और यूनिट की जानकारी देना जरूरी होगा। वहीं, B2C ट्रांजेक्शन की जानकारी के लिए दूसरा हिस्सा बनाया गया है, लेकिन फिलहाल इसमें जानकारी देना ऑप्शनल रखा गया है। सरकार चाहती है कि व्यापारी अपने आप B2C डेटा भी भरें ताकि आने वाले समय में जब इसे अनिवार्य किया जाए, तो किसी को परेशानी न हो।


हालांकि अभी यह पूरा बदलाव वॉर्निंग मोड में है। यानी अगर आपने कोई जानकारी नहीं भरी तो भी आपका रिटर्न फाइल हो जाएगा। लेकिन भविष्य में यह जरूरी हो सकता है, इसलिए समय रहते इसकी तैयारी करना समझदारी होगी।

इस बदलाव के चलते कुछ छोटे कारोबारियों को शुरुआत में दिक्कत आई। खासतौर से उन्हें जो सिर्फ B2C कारोबार करते हैं। उन्हें B2B वाली टेबल में भी डेटा भरने का सिस्टम एरर आने लगा। इस पर सरकार ने समाधान दिया है कि ऐसे व्यापारी HSN कोड और यूनिट जरूर डालें, लेकिन बाकी सभी वैल्यू फील्ड में '0' भर दें। इससे रिटर्न फाइल हो जाएगा और कोई गलती नहीं दिखेगी।

टैक्स एक्सपर्ट का मानना है कि यह बदलाव टैक्स सिस्टम को ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाएगा। ई-इनवॉइस से रिटर्न का मिलान आसान होगा, टैक्स ऑडिट में गड़बड़ियां पकड़ना आसान होगा और कारोबारियों के बीच भरोसा भी बढ़ेगा। कुल मिलाकर सरकार का मकसद है कि जीएसटी सिस्टम को डेटा के आधार पर मजबूत किया जाए। अगर कारोबारी अभी से इन बदलावों को समझकर लागू करना शुरू कर दें, तो आने वाले समय में उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी।

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First Published: Jun 11, 2025 3:53 PM

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