HDFC Bank: देश के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक एचडीएफसी बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को नवरात्रि से पहले खुशखबरी दी है। HDFC Bank ने लोन की ब्याज दरों को कम कर दिया है। बैंक ने MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती कर दी है। ये कटौती कुछ टाइम पीरियड पर की है। MCLR सीधे तौर पर लोन की दरों से जुड़ा होता है। बैंक कोई भी लोन MCLR की दरों से कम में नहीं दे सकता।अगर बैंक MCLR घटाता है तो लोन की दरें अपने आप कम होंगी। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा।
एचडीएफसी बैंक ने ओवरनाइट, एक महीना, तीन महीने और तीन साल के एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया है। बैंक ने छह महीने, एक साल और दो साल के MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती कर दी है। MCLR घटने से होम, कार और पर्सनल लोन की EMI कम होती है।
HDFC Bank MCLR - सितंबर 2025 पीरियड
(सोर्स - HDFC Bank Website)
एचडीएफसी बैंक की नई MCLR दरें - 8 सितंबर 2025 से लागू
छह महीने का रेट कम होकर 8.70 फीसदी से 8.65 फीसदी कर दिया है। एक साल के MCLR 8.70 फीसदी से 8.65 फीसदी कर दिया है। 2 साल का MCLR 8.75 फीसदी से 8.70 फीसदी कर दिया है वहीं तीन साल के एमसीएलआर में बैंक ने कोई बदलाव नहीं किये हैं।
MCLR घटने पर क्या होता है?
जब भी कोई बैंक अपने MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट में बदलाव करता है, तो उसका सीधा असर उन लोन पर पड़ता है जिनकी ब्याज दर फ्लोटिंग होती है, जैसे कि होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन। अगर बैंक MCLR बढ़ाता है, तो आपकी EMI या EMI का टाइम पीरियड बढ़ जाता है। क्योंकि ब्याज दर बढ़ जाती है।
MCLR को तय करने के लिए बैंक डिपॉजिट पर ब्याज दरें, रेपो रेट, ऑपरेशनल कॉस्ट और CRR (कैश रिजर्व रेशो) की लागत के आधार पर तय करता है। जब RBI रेपो रेट में बदलाव करता है, तो उसका असर MCLR पर भी होता है।