घर खरीदना किसी व्यक्ति या परिवार के लिए सबसे बड़ा ट्रांजेक्शन होता है। कई लोगों की कई सालों की सेविंग्स घर खरीदने में खर्च हो जाती है। इसके बाद होम लोन भी लेना पड़ता है। ऐसे में घर को प्राकृतिक आपदा, आग आदि से बचाने के लिए उसका बीमा कराना जरूरी है। जनरल इंश्योरेंस कंपनियां घर का बीमा करती हैं। इस बीमा में घर के अंदर की चीजें भी कवर होती हैं। बाढ़, तूफान आदि से घर को नुकसान होने पर बीमा कंपनी की तरफ से उसकी भरपाई की जाती है।
होम इंश्योरेंस पॉलिसी में कई शर्तें शामिल होती हैं। उन शर्तों में यह शामिल होता है कि बीमा के दायरे में कौन-कौन सी चीजें आती हैं और कौन-कौन से चीजें नहीं आती हैं। घर का बीमा कराने से पहले इस बारे में ठीक तरह से जान लेना समझदारी है। हम आपको उन स्थितियों के बारे में बता रहे हैं, जो बीमा के दायरे में नहीं आती हैं।
ध्वस्त करने का अथॉरिटीज का आदेश
अगर किसी सरकारी अथॉरिटीज की तरफ से घर को ध्वस्त करने का आदेश आता है तो इससे होने वाले नुकसान की भरपाई होम इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत नहीं की जाएगी। आम तौर पर सरकारी जमीन पर बनाए गए घर या इजाजत के बगैर कंस्ट्रक्शन की स्थिति में अथॉरिटी घर को ध्वस्त करने का आदेश देती है।
खराब कंस्ट्रक्शन से नुकसान
अगर कंस्ट्रक्शन में खराबी की वजह से घर को किसी तरह का नुकसान होता है तो बीमा कंपनी की तरफ से नुकसान की भरपाई नहीं की जाएगी। कई बार ठीकेदार के घटिया कंस्ट्रक्शन मैटेरियल का इस्तेमाल करने से घर का कुछ हिस्सा ढह जाता है। इससे काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
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जानबूझकर घर को नुकसान पहुंचाना
अगर मकानमालिक की तरफ से जानबूझकर घर को नुकसान पहुंचाया जाता है तो उस नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी की तरफ से नहीं की जाएगी। यह शर्त पॉलिसी में शामिल होती है। लेकिन, आम तौर पर इसके बारे में बीमा कराने वाले को पता नहीं होता है। इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले ऐसी सभी शर्तों के बारे में जान लेना जरूरी है।