अगर किसी व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो जाए और उसने अपने बैंक खातों, म्यूचुअल फंड या अन्य निवेशों में नॉमिनी नहीं बनाया हो या वसीयत नहीं लिखी हो, तो उसके परिवार के लिए निवेश के पैसे पाना कई बार मुश्किल हो जाता है। पत्नी या बच्चों को पैसों का हक तो होता है, लेकिन बिना जरूरी डॉक्यूमेंट और कानूनी प्रक्रिया पूरी किए वह उस अमाउंट को नहीं ले सकते। यही वजह है कि आज देश में करीब 25,000 करोड़ रुपये के शेयर और 80,000 करोड़ रुपये से अधिक का अमाउंट बैंकों में पड़ा हुआ है। जिसका कोई क्लेम पेश करने वाला नहीं है। ये रकम सिर्फ इस वजह से अनक्लेम्ड हैं क्योंकि या तो नॉमिनी नहीं हुआ था या परिवार को निवेश की जानकारी नहीं थी।
