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Hybrid Mutual Funds: कम रिस्क, हाई रिटर्न... हाइब्रिड फंड्स है टैक्स सेविंग का परफेक्ट मिक्स

Hybrid Mutual Funds: जो निवेशक रिस्क और रिटर्न के बीच संतुलन चाहते हैं और साथ में टैक्स की एफिशिएंसी भी देखते हैं, उनके लिए हाइब्रिड फंड आज के दौर में एक व्यावहारिक और स्मार्ट विकल्प बनते जा रहे हैं।

Shradha Tulsyanअपडेटेड Dec 11, 2025 पर 3:53 PM
Hybrid Mutual Funds: कम रिस्क, हाई रिटर्न...  हाइब्रिड फंड्स है टैक्स सेविंग का परफेक्ट मिक्स

म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना चाहते हैं लेकिन पूरा रिस्क इक्विटी में लेने से डर लगता है? ऐसे निवेशकों के लिए हाइब्रिड फंड एक बेहतरीन बीच का रास्ता बनकर उभरे हैं, जहां एक ही स्कीम के ज़रिए इक्विटी, डेट, गोल्ड और दूसरी एसेट क्लास में निवेश का मौका मिलता है। इससे न सिर्फ रिस्क फैल जाता है, बल्कि लंबे समय में रिटर्न और पोर्टफोलियो की स्थिरता के बीच अच्छा बैलेंस भी बनता है।

हाइब्रिड फंड दरअसल ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं जो तय रणनीति के तहत अलग–अलग एसेट क्लास में पैसा बांटते हैं, इसलिए इन्हें एसेट एलोकेशन फंड भी कहा जाता है। मार्केट में कई कैटेगरी मौजूद हैं, जिन्हें निवेशक अपनी जोखिम क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से चुन सकते हैं।

कम रिस्क वाले निवेशकों के लिए इक्विटी सेविंग्स फंड विकल्प हो सकते हैं, जो पोर्टफोलियो का छोटा हिस्सा (लगभग 10–25%) इक्विटी में रखते हैं और बाकी धन डेट और आर्बिट्राज स्ट्रैटजी में लगाते हैं, जिससे रिटर्न अपेक्षाकृत स्थिर रहता है। वहीं बैलेंस्ड या एग्रेसिव हाइब्रिड फंड में इक्विटी का वज़न बढ़ने से लंबी अवधि में ग्रोथ की संभावना बढ़ जाती है, हालांकि उतार–चढ़ाव भी थोड़ा ज़्यादा होता है।

जिन निवेशकों को मार्केट वैल्यूएशन के हिसाब से समय–समय पर एसेट अलोकेशन बदलने का आइडिया पसंद है, उनके लिए बैलेंस्ड एडवांटेज या डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड दिलचस्प विकल्प माने जा रहे हैं। इन फंडों में फंड मैनेजर बाजार के संकेतों के आधार पर इक्विटी को घटा–बढ़ा सकता है, जबकि डेट और आर्बिट्राज कंपोनेंट पोर्टफोलियो को कुशन जैसा सहारा देता है।

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