ITR Filing 2025: कई टैक्सपेयर्स ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के दौरान एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में गड़बड़ी की शिकायत की है। इस पर इनकम टैक्स विभाग ने स्पष्टीकरण दिया है। विभाग का कहना है कि टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने से पहले AIS की सावधानी से जांच करनी चाहिए।
हर गलत एंट्री पर दे सकते हैं फीडबैक
आयकर विभाग के मुताबिक, अगर AIS में कोई भी एंट्री गलत या अधूरी दिखाई दे रही है, तो टैक्सपेयर को उस ट्रांजैक्शन पर फीडबैक सबमिट करना चाहिए। इसके लिए 'Optional' या 'Add Feedback' ऑप्शन का इस्तेमाल करके संबंधित जानकारी दर्ज करनी होगी।
फीडबैक की जांच के बाद अगर आपकी आपत्ति सही पाई जाती है, तो AIS में बदलाव कर दिया जाएगा। हालांकि, टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे फीडबैक का स्टेटस- Accepted या Rejected पोर्टल पर लगातार ट्रैक करें।
सोशल मीडिया पर दी जानकारी
आयकर विभाग ने 16 जुलाई 2025 को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर AIS में परेशानी को लेकर स्पष्टीकरण दिया। इस दौरान विभाग ने कुछ सुझाव भी साझा किए।
आयकर विभाग के मुताबिक, यह पहल टैक्स कंप्लायंस बढ़ाने और करदाताओं को बेहतर सेवा देने के मकसद से की गई है।
AIS क्यों है जरूरी दस्तावेज
AIS टैक्सपेयर्स की बैंक ब्याज, डिविडेंड, विदेशी आय, स्टॉक्स-म्यूचुअल फंड और रियल एस्टेट से जुड़ी खरीद-बिक्री जैसी सूचनाएं समेटता है। अगर इसमें किसी भी प्रकार की चूक होती है, तो ITR में गलत डिटेल दर्ज हो सकती है। इससे टैक्स नोटिस आने का खतरा बढ़ता है।
रिटर्न फाइल करने से पहले करें यह जांच
टैक्स एक्सपर्ट्स की सलाह है कि ITR फाइल करने से पहले AIS और फॉर्म 26AS दोनों का मिलान जरूर करें। अगर कोई आय या लेन-देन AIS में है लेकिन ITR में नहीं दिख रहा, और फीडबैक भी नहीं दिया गया है, तो भविष्य में परेशानी हो सकती है। ऐसे में पहले से सजग रहना जरूरी है।