सरकार ने यूनियन बजट 2025 में इनकम टैक्स की नई रीजीम में 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम टैक्स-फ्री कर दी थी। इसके लिए सरकार सेक्शन 87ए के तहत 60,000 रुपये का टैक्स रिबेट देती है। सवाल है कि अगर टैक्सपेयर की इनकम में कैपिटल गेंस शामिल हैं तो क्या उसे यह टैक्स रिबेट मिलेगा।
12 लाख से कम इनकम पर टैक्स से छूट
ऐसा एक सवाल गुरुग्राम के रोहित सैनी ने पूछा है। उनकी कुल इनकम 12 लाख से कम है। लेकिन, शेयरों और म्यूचुअल फंड्स से 60,000 रुपये का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस हुआ है। 1 लाख रुपये का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस भी हुआ है। उनका सवाल है कि क्या उन्हें सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट मिलेगा? मनीकंट्रोल ने यह सवाल मशहूर टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन से पूछा।
जैन ने कहा, "सेक्शन 115बीएसी में इंडिविजुअल्स, एचयूएफ और एसोसिएशंस ऑफ पर्संस के लिए नई टैक्स रीजीम के प्रावधान शामिल हैं। इसके तहत नॉर्मल इनकम पर कम टैक्स लगता है। लेकिन, नई टैक्स रीजीम में एचआरए, एलटीए और सेक्शन 80सी, 80सीसीडी, 80जी, 80टीटीए और 80टीटीबी के तहत डिडक्शंस क्लेम करने की इजाजत नहीं है।"
स्पेशल टैक्स रेट्स वाली इनकम
उन्होंने कहा कि नई टैक्स रीजीम में टैक्सपेयर सेक्शन 87ए के तहत 60,000 रुपये का टैक्स रिबेट मिलता है, जबकि पुरानी रीजीम में सिर्फ 12,500 का टैक्स रिबेट मिलता है। नई रीजीम में यह रिबेट तभी मिलता है जब टैक्सपेयर की इनकम 12 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होती है। स्पेशल टैक्स रेट्स वाली इनकम होने पर इस रिबेट का इस्तेमाल टैक्स लायबिलिटी घटाने के लिए नहीं किया जा सकता। नई टैक्स रीजीम में सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट की एलिजिबिलिटी के लिए सिर्फ नॉर्मल इनकम पर विचार किया जाता है। स्पेशल टैक्स रेट वाली इनकम इसके तहत नहीं आती है।
सिर्फ शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स
जैन ने कहा कि चूंकि सैनी की इनकम 12 लाख से ज्यादा नहीं है तो वह अपनी नॉर्मल इनकम पर लगने वाले टैक्स पर सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट क्लेम करने के हकदार हैं। इससे उस इनकम पर उनका टैक्स घटकर जीरो हो जाएगा। सेक्शन 112ए में कहा गया है कि लिस्टेड शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंडों पर 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेस टैक्स-फ्री है। सैनी का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस 1 लाख रुपये है, जिससे उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ेगा। उन्हें सिर्फ 60,000 रुपये के शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर 20 फीसदी (प्लस सेस) चुकाना होगा।