किन टैक्सपेयर्स के लिए आज भी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम फायदेमंद है?

इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में कई सेक्शन के तहत डिडक्शन मिलता है। इनमें सेक्शन 80सी, सेक्शन 80डी, सेक्शन 24बी शामिल हैं। इससे टैक्सपेयर्स पर टैक्स का बोझ कम हो जाता है। सबसे ज्यादा 2 लाख रुपये का डिडक्शन होम लोन के इंटरेस्ट पर मिलता है

अपडेटेड Feb 04, 2025 पर 10:44 PM
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सरकार ने इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम की शुरुआत 2020 में की थी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी। उन्होंने यूनियन बजट में सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स जीरो करने का ऐलान किया। नौकरी करने वाले लोगों को तो अब सालाना 12.75 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। इसकी वजह है स्टैंडर्ड डिडक्शन। इसका फायदा नौकरी करने वाले लोगों को मिलता है।

नई रीजीम के लिए कई ऐलान

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में ऐलान के बाद इनकम टैक्स की नई रीजीम अट्रैक्टिव हो गई है। नई रीजीम में 12 लाख तक की कमाई वाले लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ेगा। सवाल है कि अगर कोई टैक्सपेयर टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स में मैक्सिमम निवेश करता है तो क्या उसके लिए पुरानी स्कीम फायदेमंद होगी? टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति की इनकम 20 लाख रुपये है तो टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने के बाद भी ओल्ड रीजीम में उसे ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा।


किसे फायदा, किसे नुकसान?

अगर किसी व्यक्ति की सालाना इनकम 20 लाख रुपये है और वह 5.25 लाख रुपये का डिडक्शन क्लेम करता है तो भी ओल्ड रीजीम में उसका टैक्स 2.4 लाख रुपये बनेगा, जबकि नई रीजीम में 2 लाख रुपये बनेगा। हालांकि, ऐसे लोग जिनकी इनकम 13.75 लाख से 15.75 लाख रुपये के बीच है, उनके लिए ओल्ड रीजीम फायदेमंद होगी। ओल्ड रीजीम में कई तरह के डिडक्शंस की इजाजत है। नई रीजीम में ज्यादातर डिडक्शंस नहीं मिलते हैं।

2020 में शुरू हुई थी नई रीजीम

सरकार ने इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम की शुरुआत 2020 में की थी। सरकार ने ऐसे टैक्सेपयर्स के लिए यह रीजीम पेश की थी, जो डिडक्शन क्लेम नहीं करते हैं। नई रीजीम में टैक्स के रेट्स कम हैं, लेकिन ज्यादातर डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है। लेकिन, यह काफी आसान है। इसमें टैक्स का कैलकुलेशन आसानी से किया जा सकता है।

ओल्ड रीजीम में डिडक्शन

ओल्ड रीजीम में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी, 80डी और 24बी के तहत डिडक्शन मिलता है। 80सी के तहत करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट ऑप्शंस आते हैं। दो बच्चों तक की ट्यूशन फीस पर भी इसी सेक्शन के तहत डिडक्शन मिलता है। इस सेक्शन के तहत मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी पर डिक्शन मिलता है। 60 साल से उम्र का व्यक्ति 25,000 रुपये डिडक्शन क्लेम कर सकता है। 60 साल से ज्यादा उम्र का व्यक्ति 50,000 रुपये डिडक्शन क्लेम कर सकता है। सेक्शन 24बी के तहत होम होम लोन के इंटरेस्ट पर डिडक्शन मिलता है। इसकी सीमा 2 लाख रुपये है।

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एचआरए से भी टैक्स-सेविंग

होम लोन के प्रिंसिपल पर भी डिडक्शन मिलता है। यह डिडक्शन सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख लाख की सीमा के तहत मिलता है। इसके अलावा ओल्ड रीजीम में एचआरए पर एग्जेम्प्शन मिलता है। इससे टैक्सपेयर की टैक्सेबल इनकम काफी कम हो जाती है।

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First Published: Feb 04, 2025 5:19 PM

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