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Income tax return 2025: क्या आप भी इन वजहों से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं? आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस

कई लोग इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी सैलरी से टीडीएस कट गया है। ऐसा सोचना गलत है। अगर एंप्लॉयर ने टीडीएस काटने के बाद आपको सैलरी दी है तो भी आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jul 15, 2025 पर 1:13 PM
Income tax return 2025: क्या आप भी इन वजहों से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं? आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस
अगर किसी व्यक्ति की इनकम टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट के अंदर है तो भी कुछ स्थितियों में उसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी हो जाता है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सीजन शुरू हो चुका है। एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने आईटीआर फाइल भी कर दिए हैं। हालांकि, इस बार आईटीआर फाइल करने के लिए ज्यादा वक्त मिल गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपकी सैलरी टैक्स एग्जेम्प्शन की लिमिट से ज्यादा है तो आपको रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। कुछ स्थितियों में इनकम टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट से कम होने पर भी रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है। इनकम टैक्स रिटर्न के बारे में कई लोग गलत सोचते हैं। इन सोच की वजह से वे रिटर्न फाइल नहीं करते हैं। उन्हें झटका तब लगता है जब उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिलता है।

1. टीडीएस कटा है तो रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं

नौकरी करने वाले लोगों की सैलरी से हर महीने टैक्स कटता है। इसे टीडीएस कहा जाता है। एक वित्त वर्ष में कुल सैलरी पर लगने वाले टैक्स के हिसाब से एंप्लॉयर एंप्लॉयी की सैलरी से हर महीने टैक्स काटता रहता है। इस वजह से एंप्लॉयी पर एक बार में ज्यादा टैक्स चुकाने का बोझ नहीं पड़ता है। एंप्लॉयर टीडीएस का पैसा हर तिमाही सरकार के पास जमा करता है। नौकरी करने वाले कई लोग यह मानते हैं कि चूंकि एंप्लॉयर ने उनकी सैलरी से पहले ही टैक्स काट लिया है, जिससे उन्हें ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है। ऐसा सोचना गलत है। अगर आपकी सैलरी से TDS कटा है तो भी आपके लिए ITR फाइल करना अनिवार्य है।

2. क्रिप्टोकरेंसी से हुई इनकम या लॉस होने पर ITR जरूरी नहीं

कई लोग क्रिप्टोकरेंसी में इनवेस्ट करते हैं। वे क्रिप्टोकरेंसी खरीदते और बेचते रहते हैं। इससे उन्हें मुनाफा होता है। कई बार उन्हें लॉस भी होता है। इंडिया में सभी वर्चु्अल डिजिटल एसेट्स (VDA) इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं। क्रिप्टोकरेंसी में इनवेस्टमेंट पर हुए प्रॉफिट पर 30 फीसदी के एक समान रेट से टैक्स लगता है। अगर क्रिप्टो से प्रॉफिट हुआ है तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। क्रिप्टो से हुए लॉस की स्थिति में भी रिटर्न फाइल करना होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी में हर ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी TDS लागू है। इस टीडीएस को काटने की जिम्मेदारी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले पर होती है।

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