ITR Filing: क्या बिना फॉर्म 16 के भी फाइल कर सकते हैं इनकम टैक्स रिटर्न, जानिए क्या हैं नियम

ITR Filing: पिछला फाइनेंशियल ईयर खत्म हो चुका है और टैक्सपेयर्स को पिछले फाइनेंशियर ईयर का इनकम टैक्स रिटर्न 31 जुलाई तक फाइल करना है। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपको आईटीआर भरने के लिए फॉर्म 16 (Form 16) चाहिए होगा। कंपनियों को फॉर्म 16 अपने कर्मचारियों को 15 जून तक देना होता है

अपडेटेड Apr 20, 2023 पर 11:28 AM
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एक्सपर्ट्स माने तो आप बिना फॉर्म 16 के भी अपना आईटीआर फाइल कर सकते हैं।

ITR Filing: पिछला फाइनेंशियल ईयर खत्म हो चुका है और टैक्सपेयर्स को पिछले फाइनेंशियर ईयर का इनकम टैक्स रिटर्न 31 जुलाई तक फाइल करना है। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपको आईटीआर भरने के लिए फॉर्म 16 (Form 16) चाहिए होगा। कंपनियों को फॉर्म 16 अपने कर्मचारियों को 15 जून तक देना होता है। फॉर्म 16 में पिछले फाइनेंशियल ईयर में आपकी कुल इनकम, टैक्सेबल इनकम, इन्वेस्टमें और काटे गए टैक्स (TDS) की जानकारी होती है। अब सवाल है कि क्या आप बिना फॉर्म 16 के ITR फाइल कर सकते हैं।

फॉर्म 16 के बगैर फाइल सकते हैं ITR?

अगर एक्सपर्ट्स माने तो आप बिना फॉर्म 16 के भी अपना आईटीआर फाइल कर सकते हैं। इसमें आपको थोड़ी परेशानी जरूर होगी क्योंकि इसमें आपको कई डॉक्यूमेंट्स निकालने होंगे। जैसे कि आपको इनकम टैक्स का प्रूफ देना होगा। इसके लिए आप अपनी सैलरी स्लिप निकाल सकते हैं। अगर आपकी इनकम का दूसरा कोई सोर्स नहीं है, आपकी सैलरी स्लिप भी इनकम का प्रूफ माना जाता है।


चाहिए होगा Form 26AS

सैलरी स्लिप के बाद दूसरा डॉक्युमेंट आपको चाहिए होगा Form 26AS, इस फॉर्म के जरिये पता चलेगा कि आपकी सैलरी मेंसे कितना TDS या TCS काटा गया है। आपका एंप्लॉयर या कंपनी आपकी सैलरी और आपके इनवेस्टमेंट प्लान के हिसाब से आपका टैक्स कैलकुलेट करता है। उसके बाद आपकी टैक्स लायिबिलिटी के हिसाब से आपका TDS काटता है। ज्यादातर कंपनी आपका टैक्स एक बार में न काटकर हर महीने काटती है। ताकि, एक बार में एम्पलॉयी पर ज्यादा असर न पड़े। फॉर्म 26AS इनकम टैक्स की वेबसाइट पर मिल जाएगा। आपको पोर्टल पर लॉगइन करने के बाद अकाउंट मेन्यु पर जाना होगा और वहां 'व्यू फॉर्म 16एएस' दिख जाएगा। यहां से आप इस फॉर्म को डाउनलोड कर सकते हैं।

टैक्स सेविंग्स प्रूफ की भी पड़ेगी जरूरत

आपको अपने टैक्स सेविंग्स इनवेस्टमेंट के सभी प्रूफ के डॉक्यूमेंट्स चाहिए होंगे। इसमें इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी, 80डी के तहत किए जाने वाले सभी निवेश शामिल होंगे। इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत एक फाइनेंशियल ईयर में मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। सेक्शन 80सी के तहत PPF, होम लोन प्रिंसिपल, जीवन बीमा पॉलिसी, सुकन्या समृद्धि, बच्चों की ट्यूशन फीस आदि आते हैं।

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Tags: #ITR

First Published: Apr 20, 2023 10:51 AM

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