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Income Tax Return: रिटर्न फाइलिंग में नहीं करें ये 7 गलितयां, आपको नहीं आएगा इनकम टैक्स का नोटिस

अगर आपने अभी रिटर्न फाइल नहीं किया है तो आपके लिए कुछ बातें जान लेना जरूरी है। आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए अंतिम तारीख का इंतजार नहीं करना चाहिए। दूसरा, आपको आम तौर पर होने वाली गलतियों से बचने की कोशिश करनी चाहिए

अपडेटेड Jul 18, 2025 पर 1:47 PM
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस बार रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सीजन शुरू हो गया है। अगर आपने अभी रिटर्न फाइल नहीं किया है तो आपके लिए कुछ बातें जान लेना जरूरी है। पहला, आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए अंतिम तारीख का इंतजार नहीं करना चाहिए। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस बार रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है। आम तौर पर इसकी डेडलाइन 15 जुलाई होती है। रिटर्न फाइल करने में आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना है। इससे आपको इनकम टैक्स का नोटिस आने की संभावना नहीं रह जाएगी।

1. फर्जी डिडक्शन क्लेम नहीं करें

कई टैक्सपेयर्स अपना टैक्स घटाने के लिए फर्जी डिडक्शन क्लेम करते हैं। Income Tax Deparment अब रिटर्न को प्रोसेस करने के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है। इससे फर्जी डिडक्शन के मामलों को पकड़ना आसान हो गया है। हाल में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फर्जी डिडक्शन क्लेम के मामलों में 200 से ज्यादा स्थानों पर छापे मारे हैं। यह जान लेना जरूरी है कि आपके हर हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास रहती है।

2. Form 16, AIS और फॉर्म 26एएस के डेटा को मैच करा लें


इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले आपको फॉर्म 16, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट और फॉर्म 26एएस के डेटा को मैचा करा लेना चाहिए। आप AIS और फॉर्म 26 एएस इनकम टैक्स की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। इन दोनों में आपके टीडीएस/टीसीएस और हर हाई वैल्यू ट्राजेंकशन की जानकारी होती है। फॉर्म 16 में आपकी सैलरी इनकम और टीडीएस की जानकारी होती है।

3. आईटीआर फॉर्म के चुनाव में गलती नहीं करें

रिटर्न फाइल करने से पहले यह जान लें कि आपके लिए सही फॉर्म कौन सा है। आम तौर पर टैक्सपेयर्स की इनकम के स्रोत के आधार पर यह तय होता है कि कौन सा टैक्सपेयर किस आईटीआर फॉर्म का इस्तेमाल करेगा। अगर किसी तरह का कनफ्यूजन है तो आप टैक्स एक्सपर्ट्स की मदद ले सकते है। अगर गलत फॉर्म में रिटर्न फाइल किया तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसे डिफेक्टिव रिटर्न घोषित कर देगा। फिर आपकी पूरी मेहनत बेकार हो जाएगी।

4. सिर्फ फॉर्म 16 से काम नहीं चलेगा

अगर आप नौकरी करते हैं तो रिटर्न फाइल करने के लिए आपको फॉर्म 16 की जरूरत पड़ेगी। लेकिन, इसमें सभी जानकारियां नहीं होती हैं। उदाहरण के लिए सेविंग्स अकाउंट से मिले इंटरेस्ट की जानकारी इसमें नहीं होती है। अगर शेयर या म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स बेचने पर आपको कैपिटल गेंस हुआ है तो इसकी जानकारी भी फॉर्म 16 में नहीं होगी।

5. फॉरेन एसेट्स के बारे में बताना नहीं भूलें

कई बार विदेश में पोस्टिंग के दौरान भारतीय लोगों को बैंक अकाउंट ओपन करना पड़ता है। कई लोग विदेश में प्रॉपर्टी खरीद लेते हैं। आपको इनकम टैक्स रिटर्न में विदेश में अपने एसेट्स की जानकारी देना जरूरी है। अगर विदेश में आपके बैंक अकाउंट में बैलेंस नहीं है तो भी आपको उसके बारे में आईटीआर फॉर्म में बताना होगा।

6. पिछले एंप्लॉयर से हुई इनकम

अगर आपने पिछले फाइनेंशियल ईयर में नौकरी बदली है तो आपको पिछले एंप्लॉयर से हुई इनकम के बारे में भी आईटीआर फॉर्म में बताना होगा। इसकी वजह यह है कि एआईएस में पिछले एंप्लॉयर से सैलरी के रूप में हुई आपकी इनकम दिखेगी। इसका मतलब है कि कोई टैक्सपेयर चाहकर भी पिछले एंप्लॉयर से हुई इनकम को छुपा नहीं सकता। आपको पिछले एंप्लॉयल से फॉर्म 16 मांग लेना चाहिए।

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7. बैंक अकाउंट के बारे में सही जानकारी दें

आपको अपने आईटीआर फॉर्म में अपने बैंक अकाउंट के बारे में सही जानकारी देना चाहिए। उसके बाद अकाउंट को वैलिडेट करना भी जरूरी है। फॉर्म सब्मिट करने से पहले बैंक डिटेल को दोबार चेक कर लें। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि रिफंड का पैसा इसी अकाउंट में आएगा। आपको अपने ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर की जानकारी भी चेक कर लेना चाहिए।

MoneyControl News

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First Published: Jul 18, 2025 1:30 PM

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