Income Tax Return Filing: जैसे-जैसे आईटीआर (ITR Filing) फाइल करने की समय सीमा नजदीक आ रही है, टैक्सपेयर्स के लिए काम थोड़ा बढ़ जाता है। टैक्सपेयर्स को अपनी टैक्स रिटर्न को सही तरीके से और समय पर फाइल करना जरूरी होता है। टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है कि वह आईटीआर में सही जानकारी भरें। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत Income Tax Return फाइल करना अनिवार्य होता जैसे-जैसे आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा नजदीक आ रही है, टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वह अपने फॉर्म का सही और सटीक सबमिशन करें। इन्डिविजुअल टैक्सपेयर्स को ऑडिट कराने की जरूरत नहीं है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 है।
कारोबारियों को देने होंगे ये डॉक्यूमेंट्स
कारोबारियों को अपने टर्नओवर रिसिप्ट के आधार पर अपना टैक्स कैलकुलेट करना चाहिए। यदि आपका टर्नओवर एक तय सीमा से अधिक है तो आपको ऑडिट करवना होगा। अपना आईटीआर फाइल करते समय ऑडिटेड रिपोर्ट को ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड करना होगा। स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) के साथ इनकम के लिए, TDS के साथ चालान और पेमेंट का मिलान करना होगा। इनकम टैक्स वेबसाइट से फॉर्म 26AS और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) डाउनलोड करना होगा। ये वैरिफाई करना होगा कि आपकी अकाउंट्स बुक में TDS का पैसा अन्य जानकारी से मेल खाता हो।
सैलरी क्लास को फॉर्म 16 जमा करना होगा। हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और लीव ट्रैवल असिस्टेंस (LTA) जैसी छूट वाले इनकम टैक्स फॉर्म 16 की सही जानकारी की जांच करनी होगी। यदि गलती है तो उसे ठीक करें। अपनी कंपनी को भी इस बारे में जानकारी दें।
अगर आपकी आय में एफडी से जुड़ा ब्याज शामिल है तो अपने बैंक से ब्याज का सर्टिफिकेट लेना न भूलें। अगर आपकी एफडी मैच्योर हो गई है तो उसका कैलकुलेश भी करें। उसे अपने आईटीआर में जरूर भरें। अगर आपने एफडी को रिन्यू कर दिया है तो भी इसकी जानकारी बैंक को जरूर दें।
म्युचुअल फंड से जुड़ी इनकम
शेयरों और म्युचुअल फंड में निवेश की पूरे साल की जानकारी देनी होती है। इसके अलावा एसआईपी का पूरे साल का डेटा भी देना होता है। इनकम की कैलकुलेशन में सभी ट्रांजेक्शन का सटीक हिसाब होना चाहिए। इंट्रा-डे ट्रांजेक्शन पर स्पेशल ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि हो सकता है कि वे बैंक स्टेटमेंट में दिखाई न दें।