इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस ऐलान से टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिलेगी। उसने कहा है कि अगर कोई टैक्सपेयर्स विदेश में 20 लाख रुपये तक की वैल्यू वाले एसेट्स के बारे में डिसक्लोज करना भूल जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी। अभी ऐसा नहीं करने पर टैक्सपेयर्स के लिए छह महीने से लेकर 7 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। हालांकि, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि इस प्रावधान का इस्तेमाल कम वैल्यू वाले एसेट्स पर शायद ही कभी होता है।
CBDT ने जारी किया सर्कुलर
Central Board of Direct Taxes (CBDT) ने 20 अगस्त को एक सर्कुलर जारी किया। इसमें कहा गया है कि अगर टैक्सपेयर संबंधित फाइनेंशियल ईयर में विदेश में ऐसे एसेट्स की जानकारी डिसक्लोज नहीं करता है जिनकी वैल्यू 20 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है तो उसके खिलाफ ब्लैक मनी एक्ट, 2015 के सेक्शन 42 और/या सेक्शन 43 के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। माना जा रहा है कि इससे उन टैक्सपेयर्स की चिंता कम होगी जिनकी विदेश में कम वैल्यू की प्रॉपर्टी होगी।
विदेश में पोस्टिंग वाले लोगों को राहत
एसबीएचएस एसोसिएट्स के पार्टनर और चार्टर्ड अकाउंटेंट हिमांक सिंगला ने कहा, "अब तक सेक्शन 49/50 के तहत उन मामलों में कार्रवाई नहीं होती थी, जिनमें संबंधित पिछले वित्त वर्ष में विदेश में बैंक अकाउंट में कुल बैलेंस 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर सेक्शन 42/43 का इस्तेमाल नहीं होता था।" पिछले कुछ सालों में कई ग्लोबल कंपनियों के एंप्लॉयीज की पोस्टिंग विदेश में होती है। वे इंडिया में इनकम टैक्स रिटर्न में विदेश में बैंक अकाउंट में अपने बैलेंस के बारे में बताना भूल जाते हैं।
पहले 10 लाख तक पेनाल्टी लगती थी
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 तक आईटीआर में विदेशी एसेट्स को डिसक्लोज नहीं करने पर ब्लैक मनी एक्ट के तहत 10 लाख रुपये तक की पेनाल्टी लगती थी। इसके अलावा कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ता था। पिछले साल जुलाई में पेश यूनियन बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन नियमों में कुछ रियायत दी थी। इसमें कहा गया था कि FY25 से अगर कोई व्यक्ति विदेश में 20 लाख रुपये तक के एसेट्स को डिसक्लोज नहीं करता है तो उस पर 10 लाख पेनाल्टी नहीं लगेगी।
अचल संपत्ति इस रियायत के दायरे में नहीं आएगी
सिंगला ने कहा, "यह ध्यान में रखने वाली बात है कि पेनाल्टी और कानूनी प्रक्रिया 20 लाख रुपये तक की कम वैल्यू की एसेट्स की जानकारी देने पर इस्तेमाल नहीं होगी। लेकन इस अचल संपत्ति इस रियायत के दायरे से अब भी बाहर है।" सरकार की कोशिश इनकम टैक्स के नियमों को आसान बनाने की है। अगर कोई व्यक्ति भूल से विदेश में किसी छोटे एसेट्स के बारे में नहीं बताता है तो उसे अब चिंता करने की जरूरत नहीं होगी।