इनकम टैक्स के सेक्शन 87ए के तहत शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) पर रिबेट को लेकर बहस खत्म नहीं हो रही। इस बहस के केंद्र में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का यूटिलिटी सॉफ्टवेयर और एक ज्यूडिशियल फैसला है। इसके चलते लाखों टैक्सपेयर्स अपने अगले कदम को लेकर उलझन में हैं। आइए इस पूरे मामले के बारे में जानते हैं।
FY25 की इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) यूटिलिटी टैक्सपेयर्स को सेक्शन 111ए के तहत एसटीसीजी पर सेक्शन 87ए का रिबेट क्लेम करने की इजाजत नहीं दे रही। हालांकि, बांबे हाईकोर्ट के निर्देश और इनकम टैक्स एपेलेट ट्राइब्यूनल (ITAT) के फैसले में टैक्सपेयर्स को इस रिबेट को क्लेम करने की इजाजत दी गई है। अभी का नियम कहता है कि अगर टैक्सपेयर की टोटल टैक्सेबल इनकम ओल्ड रीजीम के तहत 5 लाख रुपये और नई रीजीम के तहत 7 लाख रुपये तक है तो वह फुल रिबेट का हकदार है। लेकिन, जब टैक्सपेयर की इनकम में एसटीसीजी जुड़ जाता है तो सिस्टम इस रिबेट को ब्लॉक कर दे रहा है।
क्या मैनुअली रिबेट क्लेम करना सही है?
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समस्या का एक समाधान यह है कि संबंधित कॉलम में मैनुअल एंट्री से रिबेट क्लेम किया जाए। यह तरीका नया नहीं है, क्योंकि टैक्स प्रोफेशनल्स ने पिछले साल इस तरीके का इस्तेमाल करने की कोशिश की थी। एसबीएचएस एंड एसोसिएट्स के पार्टनर हिमांक सिंगला ने कहा कि अगर कोई सेक्शन 87ए के तहत एसटीसीजी के साथ रिबेट क्लेम करना चाहता है तो उसे मैनुअली रिबेट कॉलम में वैल्यू डालानी होगी। पिछले साल टैक्सपेयर्स ने ऐसा करने की कोशिश की थी। लेकिन, डिपार्टमेंट ने रिबेट को रिवर्स कर दिया था। इससे नई टैक्स डिमांड भेजी गई।
ज्यादातर रिटर्न बगैर रिबेट फाइल हो रहे
सिंगला ने कहा, "अगर क्लाइंट कानूनी प्रक्रिया का सामना करने के लिए तैयार होता है तो हम मैनुअली इसे बदल देते हैं। नहीं तो 99 फीसदी आईटीआर यूटिलिटी के मुताबिक फाइल किए जा रहे हैं। दूसरे शब्दों में टैक्सपेयर्स को यह देखना होगा कि अगर वह इस रिबेट का फायदा उठाना चाहता है तो उसे फिर इंटिमेशन ऑर्डर और रिबेट रिवर्सल के लिए तैयार होना पड़ेगा। इसके बाद उसे कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।"
अगले साल यह रिबेट एसटीसीजी होने पर नहीं मिलेगा
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि कानून टैक्सपेयर्स के साइड में है तो रिबेट को मैनुअली क्लेम किया जा सकता है। टैक्सबडी डॉट कॉम के फाउंडर सुजीत बांगर ने कहा कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए टैक्सपेयर्स शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर यूटिलिटी के रिबेट ब्लॉक करने की स्थिति में इसे सेक्शन 87ए के तहत मैनुअली क्लेम कर सकते हैं। लेकिन, फाइनेंशियल ईयर 2025-26 से यह रिबेट एसटीसीजी के साथ उपलब्ध नहीं होगा।
अहमदाबाद के आईटीएटी ने दी थी इजाजत
दरअसल अहमदाबाद के आईटीएटी ने टैक्सपेयर्स को FY25 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दैरान इस रिबेट को क्लेम करने की इजाजत दी थी। उसने कहा था कि फाइनेंशियल ईयर 2025-26 से पहले के फाइनेंशियल ईयर्स में सेक्शन 111ए के तहत सेक्शन 87ए का रिबेट क्लेम करने की मनाही नहीं है। इसे शेयरों के ट्रांसफर पर हुए एसटीसीजी के बावजूद क्लेम किया जा सकता है।