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Income Tax: टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की डेडलाइन 30 सितंबर, जानिए इसके दायरे में कौन-कौन से टैक्सपेयर्स आते हैं

Income Tax Act, 1961 के सेक्शन 44एबी में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट का प्रावधान शामिल है। इस सेक्शन में कुछ शर्तें तय हैं। ऐसे टैक्सपेयर्स जिन पर ये शर्तें लागू होती हैं, उनके लिए ऑडिट रिपोर्ट फाइल करना जरूरी होता है। ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की डेडलाइन 30 सितंबर है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 18, 2025 पर 3:04 PM
Income Tax: टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की डेडलाइन 30 सितंबर, जानिए इसके दायरे में कौन-कौन से टैक्सपेयर्स आते हैं
सेक्शन 44AB के दायरे में आने वाले टैक्सपेयर्स 30 सितंबर तक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल नहीं करते हैं तो उनके टर्नओवर का 0.5 फीसदी या 1.5 लाख रुपये में से जो कम होगा, वह पेनाल्टी लागू होगी।

ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर थी, जिनके लिए अपने अकाउंट्स का ऑडिट कराना अनिवार्य नहीं था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बाद में 15 सितंबर की डेडलाइन एक दिन बढ़ा दी थी। ऐसे टैक्सपेयर्स जिनके लिए अपने अकाउंट का ऑडिट कराना जरूरी है, उनके लिए ऑडिटेड रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर है। सवाल है कि कौन-कौन से टैक्सपेयर्स इसके दायरे में आते हैं? इस तारीख तक ऑडिट रिपोर्ट फाइल नहीं करने पर क्या होगा?

क्या है टैक्स ऑडिट रिपोर्ट?

Income Tax Act, 1961 के सेक्शन 44एबी में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट का प्रावधान शामिल है। इस सेक्शन में कुछ शर्तें तय हैं। ऐसे टैक्सपेयर्स जिन पर ये शर्तें लागू होती हैं, उनके लिए Tax Audit Report फाइल करना जरूरी है। अगर आप बिजनेस करते हैं और आपका टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो आपको टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करनी होगी। लेकिन, अगर आपने 95 फीसदी डिजिटल ट्रांजेक्शन किया है तो टर्नओवर की लिमिट बढ़कर 10 करोड़ हो जाती है। इसकी वजह यह है कि सरकार कैशलेस ट्रांजेक्शंस को बढ़ावा देना चाहती है।

कौन-कौन से प्रोफेशनल्स इसके दायरे में आते हैं?

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