IndusInd Bank के ग्राहकों को क्या अपने पैसे की चिंता करनी चाहिए?

IndusInd Bank Share: इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की खबर ने इनवेस्टर्स को परेशान किया है। 11 मार्च को बैंक के स्टॉक्स 27 फीसदी टूट गए। लैप्सेज की यह खबर तब आई जब आरबीआई ने बैंक के सीईओ सुमंत कठपालिया को 3 साल का एक्सटेंशन देने से इनकार कर दिया

अपडेटेड Mar 12, 2025 पर 11:24 AM
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पिछले कुछ सालों में कई बैंकों के बड़े संकट में फंसने के मामले आ चुके हैं। 2020 में Yes Bank, 2021 में RBL Bank और 2004 में Global Trust Bank इसके उदाहरण हैं।

इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की खबर ने बैंक के ग्राहकों को भी परेशान किया है। बैंक ने 10 मार्च को इस लैप्सेज के बारे स्टॉक एक्सचेंजों को बताया। 11 मार्च को बैंक के स्टॉक्स 27 फीसदी टूट गए। यह बताता है कि लैप्सेज की खबर ने निवेशकों को बेचैन किया है। घबराहट में निवेशकों ने 11 मार्च को बड़ी बिकवाली की, जिससे शेयर क्रैश कर गए। यह खबर तब आई जब आरबीआई ने बैंक के सीईओ सुमंत कठपालिया को 3 साल का एक्सटेंशन देने से इनकार कर दिया। केंद्रीय बैंक ने कठपालिया को सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन दिया है। सवाल है कि क्या इंडसइंड बैंक के ग्राहकों को अपने पैसे की चिंता करनी चाहिए?

बैंकों को डूबने से बचाता रहा है RBI

बैंकिंग सेक्टर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैंक के संकट में फंसने पर डिपॉजिटर्स के पैसे को बचाने के लिहाज से RBI का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है। पिछले कुछ सालों में कई बैंकों के बड़े संकट में फंसने के मामले आ चुके हैं। 2020 में Yes Bank, 2021 में RBL Bank और 2004 में Global Trust Bank इसके उदाहरण हैं। 2008 में ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद ICICI Bank में लिक्विडिटी की समस्या हुई थी। इसके अलावा भी कई छोटे बैंकों के संकट में डूबने के मामले सामने आ चुके हैं। RBI ने हर बार सही वक्त पर बड़ा फैसला लिया और ग्राहकों के पैसे को डूबने से बचाया।


IndusInd Bank के बड़े संकट में फंसने के आसार नहीं

इंडसइंड बैंक के ग्राहकों को यह भी समझने की जरूरत है कि अभी बैंक किसी संकट में नहीं फंसा है। अभी सिर्फ उसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की बात सामने आई है। इंडसइंड बैंक की वित्तीय सेहत खराब नहीं है। डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की वजह से बैंक के नेटवर्थ में 2.35 फीसदी कमी आने का अनुमान है। अभी लैप्सेज की जानकारी आंतरिक जांच से सामने आई है। बैंक ने एक स्वतंत्र एजेंसी को जांच का काम सौंपा है, जिसकी रिपोर्ट अगले 2-3 हफ्तों में आ जाएगी। बैंक का मैनेजमेंट यह कह चुका है कि अगर इस लैप्सेज से बैंक को 1500 करोड़ रुपये का लॉस होता है तो उसके पास इसकी भरपाई के लिए पर्याप्त कैश रिजर्व है।

बैंक का प्रदर्शन कमजोर लेकिन सेहत खराब नहीं

यह सही है कि बीती कुछ तिमाहियों से इंडसइंड बैंक का प्रदर्शन पहले जैसा नहीं है। तीसरी तिमाही में बैंक का प्रॉफिट 1,402 करोड़ रुपये रहा। यह साल दर साल आधार पर 39 फीसदी कम है। इसकी वजह ज्यादा प्रोविजनिंग है। माइक्रो फाइनेंस सेक्टर को दिए लोन पर बैंक को काफी ज्यादा प्रोविजनिंग करनी पड़ी है। इससे दिसंबर तिमाही में बैंक का NPA बढ़कर 2.25 फीसदी हो गया। सितंबर तिमाही में यह 2.11 फीसदी था।

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मुश्किल से निपटने में नहीं आएगी दिक्कत

इन दिक्कतों के बावजूद इंडसइंड बैंक का कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो (CAR) और लिक्विडिटी पोजीशन अच्छी है। दिसंबर 2024 के अंत में बैंक का लिक्विडिटी कवरेज रेशियो 118 फीसदी था। इसका मतलब है कि अगले 30 दिन में विड्रॉल और दूसरे तरह के हर 100 रुपये के पेमेंट के मुकाबले बैंक ने लिक्विड एसेट्स में 118 रुपये रखा था।

MoneyControl News

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First Published: Mar 12, 2025 11:14 AM

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