घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इस साल अब तक बाजार में किया रिकॉर्ड निवेश, जानिए क्या आगे भी जारी रहेगा ये ट्रेंड

चीन में हाल में हुई घटनाओं को देखते हुए तमाम ग्लोबल और घरेलू निवेशक निवेश के लिए भारत की तरफ रुख कर रहे हैं

अपडेटेड Jun 14, 2022 पर 2:26 PM
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जेफरीज के एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की घरेलू बचत हर साल 53 लाख करोड़ रुपये है। इस बचत में से लगभग 4.80 फीसदी हिस्सा इक्विटी बाजार में आता है

भारतीय शेयर बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) द्वारा किया गया निवेश 2022 में अब तक 2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है। साल 2022 में अभी भी साढ़े छह महीने बाकी हैं। लेकिन अभी ही डीआईआई द्वारा इक्विटी बाजार में किसी एक कैलेंडर वर्ष में किया गया निवेश अब तक के हाई पर पहुंच गया है।

एनालिस्ट का कहना है कि निवेशक बाजार की गिरावट का फायदा उठा रहे हैं। बाजार बढ़ती महंगाई, कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और जियोपोलिटिकल तनाव के चलते दबाव में है ऐसे में हाल के दिनों में इसमें काफी गिरावट आई है।

बाजार की इस कमजोरी के बीच लगातार 16 महीने से भारतीय इक्विटी बाजार में DII (घरेलू संस्थागत निवेशक) नेट बायर रहे हैं। यानी उन्होंने बिकवाली की तुलना में खरीदारी ज्यादा की है। इसी अवधि में FII ने नेट सेलर रहे हैं। यानी उन्होंने खरीदारी की तुलना में बिकवाली ज्यादा की है। रिलायंस सिक्यरिटीज के मितुल शाह का कहना है कि लोगों का रुझान फिजिकल असेट से हटकर इक्विटी बाजार की तरफ बढ़ रहा है। लोग फाइनेंशियल असेट्स में भारी मात्रा में निवेश कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों के दौरान डीमैट अकाउंट और निवेशकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है।


बढ़ती ब्याज दरें अक्सर इक्विटी इनवेस्टमेंट के लिए एक जोखिम होती हैं। आगे हमें SIP के जरिए होने वाले निवेश पर इसका कुछ नेगेटिव असर देखने को मिल सकता है। लेकिन भारत की ग्रोथ स्टोरी मजबूत बनी हुई है। जिसको देखते हुए हमारा अनुमान है कि भारतीय इक्विटी बाजार अगले एक दो साल में डबल डिजिट रिटर्न देगा और बाजार में घरेलू पैसे का फ्लो मजबूत बना रहेगा।

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जेफरीज के एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की घरेलू बचत हर साल 53 लाख करोड़ रुपये है। इस बचत में से लगभग 4.80 फीसदी हिस्सा इक्विटी बाजार में आता है। ये सालाना आधार पर 2.52 लाख करोड़ रुपये के आसपास होता है। इसमें से SIP के जरिए म्युचुअल फंडों में होने वाले निवेश की हिस्सेदारी 1.44 लाख करोड़ रुपये है। इसके अलावा EPFO द्वारा इक्विटी मार्केट में हर साल करीब 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होता है। हाल में आई खबरों के मुताबिक, सरकार EPFO द्वारा किए जाने वाली निवेश की सीमा 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने की तैयारी में है। अगर यह प्रपोजल मंजूर हो जाता है तो हमें बाजार में और पैसा आता दिखेगा।

रिलायंस सिक्योरिटीज के मुताबिक, भारत निवेश आकर्षित करने के मामले में दूसरे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है। चीन में हाल में हुई घटनाओं को देखते हुए तमाम ग्लोबल और घरेलू निवेशक निवेश के लिए भारत की तरफ रुख कर रहे हैं। यह ट्रेंड हमें आगे और मजबूत होता दिखेगा। ब्रोकरेज हाउस का यह भी कहना है कि मौद्रिक नीतियों में कड़ाई आने के साथ ही घरेलू फंड फ्लो में कुछ सुस्ती आ सकती है। लेकिन वित्त वर्ष 2023 में भी यह मजबूत स्तर पर बना रहेगा।

बताते चलें कि इस साल अब तक भारतीय इक्विटी बाजार में FII की तरफ से 3.87 अरब डॉलर की बिकवाली देखे को मिली है। वहीं सेंसेक्स और निफ्टी में 2022 में अब तक 9.2 फीसदी टूटे हैं। यूएस फेड की बुधवार को होने वाली बैठक में बढ़ती महंगाई के बीच ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर जारी होने की उम्मीद है। बैंक ऑफ जापान भी शुक्रवार को अपने फैसलों का ऐलान करेगा।

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First Published: Jun 14, 2022 2:25 PM

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