एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) की लोकप्रियता पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 30 जून 2023 तक के मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, इस समय 174 से अधिक ETFs मौजूद हैं। ETFs एक तरह का पैसिव इनवेस्टमेंट होता है। इसमें शेयरों के एक समूह में निवेश करने के लिए पैसे इकठ्ठा किया जाता है, जो आमतौर पर किसी इंडेक्स की नकल होता है। ऑनलाइन ब्रोकिंग फर्म जीरोधा ने इस बढ़ते ट्रेंड को लेकर लोगों को जागरुक करने की कोशिश की है। जीरोधा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, " पिछले 5 सालों में ETFs में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। 174 से अधिक ETFs हैं; आप ETFs के साथ आसानी से कम लागत वाला, ग्लोबल स्तर पर डायवर्सिफाई पोर्टफोलियो बना सकते हैं।"
आइए जानते हैं कि जीरोधा के मुताबिक ETFs को खरीदने या बेचने से पहले आपको किन चीजों पर ध्यान रखना चाहिए-
1. ETFs को तुरंत ओपन मार्केट में खरीदे या बेचें नहीं। बाजार खुलने के पहले 15-30 मिनट तक ईटीएफ का ट्रेडिंग वॉल्यूम कम रहता है। लिक्विडिटी की कमी के कारण, इसके भाव में तेज उतार-चढ़ाव आ सकता है। इसलिए बेहतर है कि बाजार खुलने के समय इसे खरीदना या बेचने से दूर रहे हैं।"
2. हमेशा लिमिट ऑर्डर का इस्तेमाल करें। ETFs की संख्या बढ़ी है, लेकिन इनमें से अधितक के वॉल्यूम काफी कम है। अधिकतर वॉल्यूम सिर्फ लोकप्रिय ETFs में ही केंद्रित है। अगर आप मार्केट प्राइस पर कोई ऑर्डर देते हैं, तो आपका ऑर्डर पिछले ट्रेड वैल्यू से बहुत दूर की कीमतों पर लागू हो सकता है। इसलिए, हमेशा लिमिट ऑर्डर का इस्तेमाल करें।
3. वोलैटाइल मार्केट में सावधानी पूर्वक ट्रेड करें। उतार-चढ़ाव भरे बाजार में, ETFs अक्सर बहुत सारे कारणों के चलते भारी प्रीमियम और डिस्काउंट पर ट्रेड कर सकते हैं। ETFs को ट्रेड करते समय, इंडिकेटिव नेट एसेट्स वैल्यू (iNAV) के करीब कीमत का लक्ष्य रखना अहम है।
4. सभी ETFs में नियमित ट्रेडिंग नहीं होती हैं। ETFs निवेश का फैसला लेते समय सिर्फ एक दिन की ट्रेडिंग वॉल्यूम का नहीं, बल्कि ऐतिहासिक ट्रेडिंग वॉल्यूम का आकलन करना जरूरी है।
5. म्यूचुअल फंड की तरह ही, ETFs में भी नियमित रूप से निवेश करने के लिए एक सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) बनाने का विकल्प है।
कुछ चुनिंदा ETFs के पिछले 3 सालों के रिटर्न को आप नीचे देख सकते हैं-