फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) सबसे अच्छे और सुरक्षित इनवेस्टमेंट ऑप्शन में से एक माना जाता है। इसमें पैसे जमा करके आप अपने लिए एक अच्छा खासा फंड जमा कर सकते हैं। हालांकि कई बार ऐसा स्थिति भी सामने आ जाती है जब हमको समय से पहले अपने एफडी को तुड़वाना भी पड़ जाता है। हालांकि हमेशा ऐसा करना सही नहीं माना जाता है। क्योंकि ऐसा करने पर आपको नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि एफडी को तुड़वाने को लेकर क्या नियम कायदे हैं।
एफडी तुड़वाने की बजाय ले सकते हैं लोन
आप एफडी को तुड़वाने की बजाय उसमें जमा रकम पर लोन ले सकते हैं। बैंक एफडी पर आपको बड़ी आसानी से सस्ते दरों पर लोन ले सकते हैं। साथ ही आपको बता दें कि अगर आप मेच्योर होने से पहल अपनी एफडी की रकम को निकालते हैं तो आपको कम ब्याज का फायदा मिलेगा। जैसे की मान लें कि अगर आपने दो साल के लि सालाना 7 फीसद ब्याज पर एफडी में 1 लाख रुपये डाले थे। डिपॉजिट बुक करते वक्त इंटरेस्ट 6.5 फीसदी था। ऐसे में अगर आप समय से पहले अपना पैसा निकाल लेते हैं तो आपको 1 फीसदी जुर्माना देना होगा। यानी कि आपको इस पर 5.5 फीसदी सालाना के हिसाब से ही ब्याज दिया जाएगा। इसके अलावा, कुछ बैंक समय से पहले निकासी पर जुर्माना भी लगाते हैं। इससे एफडी से आपका रिटर्न भी कम हो जाएगा।
वहीं अगर आप अपनी एफडी पर लोन ले लेते हैं तो आपकी जमा रक भी सलामत रहेगी साथ ही आपको उस पर ब्याज भी मिलता रहेगा। ऐसे लोन के लिए, बैंक एफडी पर दिए गए ब्याज से 0.75-2 प्रतिशत अधिक इंटरेस्ट वसूलते हैं। इसलिए, यदि आपके पास कोई एफडी है जिस पर 6.5 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है, तो आपको उस पर 7.5-8 प्रतिशत पर लोन मिल सकता है। पर्सनल लोन और होम लोन के विपरीत, एफडी पर लोन में कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं होती है।
इन बातों पर जरूर दें ध्यान
यह तय करते वक्त कि क्या आपको अपनी एफडी को तोड़ देना चाहिए या फिर उस पर लोन लेना चाहिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना बेहद ज्यादा जरूरी है। सबसे पहले आपको यह तय कर लेना चाहिए कि आपको कितने पैसों की जरूरत है। इसके अलावा लोन को चुकाने का पीरियड, उधार लेने की लागत और उसके फोरक्लोजर के बारे में भी पता होना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपको एफडी के रकम का 20-30 फीसदी हिस्सा ही चाहिए और आपकी एफडी मेच्योर होने वाली है तो आपके लिए लोन लेना ज्यादा सही है। इसके अलावा अगर आपको ज्यादा रकम की तुरंत ही जरूरत है और आपकी एफडी को मेच्योर होने में भी वक्त लगेगा तो आप एफडी को तुरंत ही तोड़ने की बजाय उस पर लोन ले सकते हैं। अगर आपको लंबे समय के लिए पैसा चाहिए तो आपको उधार लेने की लागत के साथ ब्याज से के बारे में देख लेना चाहिए। अगर इसमें ज्यादा अंतर नहीं है तो आप अपनी एफडी को तुड़वा भी सकते हैं।