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Kisan Vikas Patra: क्या किसान विकास पत्र में मिली ब्याज पर लगता है टैक्स? जानिए क्या कहते हैं इनकम टैक्स के नियम

Kisan Vikas Patra: स्मॉल सेविंग स्कीम्स में किसान विकास पत्र योजना शामिल है। इस योजना में निवेश पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है। मौजूदा समय में इस पर ब्याज दर 7.5 फीसदी तय की गई है। इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, किसान विकास पत्र के जरिए जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल इनकम में से एक है

अपडेटेड Jul 31, 2023 पर 5:42 PM
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Kisan Vikas Patra: इस स्कीम में आप कम से कम 1000 रुपये और ज्यादा से ज्यादा निवेश की कोई सीमा नहीं है

Kisan Vikas Patra: पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग में लोग जमकर पैसे निवेश कर रहे हैं। किसान विकास पत्र पोस्ट ऑफिस की सबसे फेमस स्मॉल सेविंग स्कीम्स में से एक है। इस स्कीम की खास बात ये है कि इस स्कीम के जरिए आप 124 महीने में निवेश की गई राशि का दोगुना हासिल कर सकते हैं। इस स्कीम के एक खास बात ये है कि इसमें जमा पैसे की गारंटी भारत सरकार देती है। योजना की ब्याज दर की समीक्षा सरकार की ओर से हर तिमाही में की जाती है। जून-सितंबर 2023 तिमाही के लिए केवीपी पर ब्याज दर 7.5 फीसदी तय की गई है।

निवेश राशि मौजूदा समय में 115 महीने यानी 9 साल और 7 महीने में दोगुनी हो जाती है। इस स्कीम में आप कम से कम 1000 रुपये और ज्यादा से ज्यादा निवेश की कोई सीमा नहीं है। इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत छूट भी मिलती है।

KVP के ब्याज पर देना होगा इतना टैक्स


इनकम टैक्स नियमों के अनुसार किसान विकास पत्र के जरिए जमा राशि पर जो ब्याज मिलता है, वो टैक्सेबल इनकम में से एक है। यह इनकम 'अन्य स्रोतों' के अधीन टैक्सेबल है। इस ब्याज पर निवेश को दो ऑप्शन मिलता है। पहला ऑप्शन है 'कैश बेसिस' टैक्सेशन। वहीं दूसरा ऑप्शन है सालाना ब्याज पर लगने वाला टैक्स। अगर आप पहले ऑप्शन का चुनाव करते हैं तो ऐसे में 'कैश बेसिस' पर मैच्योरिटी के समय मिली कुल राशि में ब्याज के हिस्से पर टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लिया जाएगा। वहीं सालाना ऑप्शन का चुनाव करते हैं तो सालाना आधार पर टैक्स देना होगा।

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KVP पर वरिष्ठ नागरिक ऐसे उठाएं फायदा

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80TTB के वरिष्ठ नागरिक को बैंक, डाकघर और सहकारी समितियों में जमा राशि से मिली ब्याज पर कटौती का दावा कर सकते हैं। इसमें बचत बैंक खाते, बैंक एफडी, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, डाकघर एफडी, डाकघर मासिक आय योजना आदि से मिली ब्याज शामिल है। जमा राशि से मिले सभी ब्याज पर धारा 80TTB के तहत अधिकतम 50,000 रुपये की कटौती का दावा किया जा सकता है।

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