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सोना-चांदी से भी ज्यादा इस धातु ने कराई कमाई, 2025 में अब तक 80% बढ़ गया भाव

सोने (Gold) और चांदी (Silver) दोनों में इस साल अब तक खूब चमक देखने को मिली हैं। हालांकि प्लेटिनम (Platinum) ने रिटर्न देने के मामले में इन दोनों धातुओं को भी पीछे छोड़ दिया है। जहां सोने के दाम में इस साल अब तक करीब 51 प्रतिशत और चांदी के दाम में 68 प्रतिशत की उछाल आई है। वहीं प्लेटिनम की कीमतों में इस साल अब तक लगभग 80% की जोरदार उछाल आई है

अपडेटेड Oct 07, 2025 पर 12:03 PM
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Platinum Price: प्लेटिनम के दाम अब भी मई 2008 में बनाए गए अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 28% नीचे कारोबार कर रहे हैं

सोने (Gold) और चांदी (Silver) दोनों में इस साल अब तक खूब चमक देखने को मिली हैं। हालांकि प्लेटिनम (Platinum) ने रिटर्न देने के मामले में इन दोनों धातुओं को भी पीछे छोड़ दिया है। जहां सोने के दाम में इस साल अब तक करीब 51 प्रतिशत और चांदी के दाम में 68 प्रतिशत की उछाल आई है। वहीं प्लेटिनम की कीमतों में इस साल अब तक लगभग 80% की जोरदार उछाल आई है। इसे पिछले करीब 50 सालों में प्लेटिनम की कीमतों में आई सबसे बड़ी उछाल बताया जा रहा है।

प्लेटिनम ने इस साल भले ही शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन इसके बावजूद यह अब भी मई 2008 में बनाए गए अपने रिकॉर्ड हाई 2,250 डॉलर प्रति औंस से करीब 28% नीचे कारोबार कर रहा है। साल 2023 और 2024 में प्लेटिनम के दाम में क्रमशः 8-8% की गिरावट देखी गई थी, जबकि 2022 में यह 10% बढ़ी थी।

क्यों बढ़ रहे प्लेटिनम के दाम?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्लेटिनम की कीमतों में इस उछाल के पीछे सबसे बड़ी वजह इसकी सप्लाई में भारी कमी आना है। इसके अलावा इंडस्ट्रियल जरूरतों और निवेश के लिए भी इस धातु की मांग में इजाफा देखा जा रहा है।


पाइनट्री मैक्रो के फाउंडर रितेश जैन का कहना है, “प्लेटिनम बस अब सोने की बराबरी कर रही है। कुछ साल पहले तक प्लेटिनम सोने से महंगी हुआ करती थी। आज सोना उसकी तुलना में लगभग तीन गुना महंगा है। ज्वैलरी डिमांड में भी ग्राहक अब सोने से प्लेटिनम की ओर रुख कर रहे हैं। वहीं खदानों से उत्पादन बढ़ नहीं पा रहा, जिससे सप्लाई सीमित बनी हुई है।”

साल 2025 के दौरान शेयर बाजारों में देखे गए उतार-चढ़ाव, पॉलिसी से जुड़ी अनिश्चितता, महंगाई की चिंता और मेरिकी सरकार के शटडाउन ने निवेशकों को फिर से सुरक्षित संपत्तियों की ओर मोड़ा है। इसके अलावा फेडरल रिजर्व की ओप से ब्याज दरों में की गई कटौती ने भी निवेशकों को कीमती धातुओं की ओर आकर्षित किया है।

दक्षिण अफ्रीका में उत्पादन संकट

दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटिनम उत्पादक देश साउथ अफ्रीका है। हालांकि इस साल यह देश अत्याधिक बारिश, बिजली कटौती और जल संकट जैसी समस्या से जूझ रहा है। इसके चलते प्लेटिनम उत्पादन में सालाना आधार पर करीब 24 प्रतिशत की गिरावट आई है।

वर्ल्ड प्लेटिनम इनवेस्टमेंट काउंसिल के मुताबिक, साल 2025 में ग्लोबल बाजारों में लगभग 8.5 लाख औंस की कमी रहेगी। यह लगातार तीसरा साल होगा जब बाजार में प्लेटिनम की सप्लाई उसके मांग से कम रहेगी।

इंडस्ट्रियल मांग में भी इजाफा

प्लेटिनम की मांग का लगभग 70% हिस्सा इंडस्ट्रियल उपयोगों से आता है। खासतौर से कैटालिटिक कन्वर्टर्स, ग्रीन टेक्नोलॉजीज और हाइड्रोजन एनर्जी सिस्टम्स में इसका इस्तेमाल होता है। चीन ने इस साल प्लेटिनम के आयात में तेजी दिखाई है और पहली तिमाही में ज्वैलरी प्रोडक्शन 26% तक बढ़ाया है, क्योंकि प्लेटिनम की कीमत सोने से काफी सस्ती बनी हुई है।

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