अगर आप बिना कोई जोखिम लिए अपने पैसों को सही जगह पर इनवेस्ट करना चाहते हैं तो बैंक की फिक्सड डिपॉजिट स्कीम (Bank FD) और सरकार की पब्लिक प्रोविडेंट स्कीम (PPF Scheme) आपके लिए सबसे अच्छे ऑप्शंस में से एक साबित हो सकती हैं। इन दोनों ही स्कीम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। साथ ही आप दोनों ही योजनाओं में काफी अच्छे इंटरेस्ट रेट पर काफी बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं। निवेश के लिहाज से दोनों ही ऑप्शन काफी शानदार हो सकते हैं। ऐसे में आइये यह जानने की कोशिश करते हैं कि आपके लिए बैंक एफडी और पीपीएफ स्कीम में से कहां पर पैसा लगाना ज्यादा सही रहेगा।
बता दें कि पिछले एक सालों के दौरान लगभग सभी तरह के सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह के बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर दिए जाने वाली ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है। अगर भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की बात करें तो यह बैंक अपने ग्राहकों को 3 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत के हिसाब से इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहा है। जबकि प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक HDFC बैंक भी अपने ग्राहकों को एफडी पर 3 फीसदी से लेकर 7.10 फीसदी के हिसाब से इंटरेस्ट ऑफर कर रहा है। वहीं अगर हम ऐक्सिस बैंक की बात करें तो प्राइवेट सेक्टर का यह बैंक अपने ग्राहकों को 3.50 फीसदी से लेकर 7.75 फीसदी तक ब्याज दर ऑफर कर रहा है।
पब्लिक प्रोविडेंट स्कीम (PPF) छोटी बचत योजनाओं के तहत आती है। इस सरकारी योजना में ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अपडेट किया जाता है। यह एक लंबे समय तक निवेश करने वाली सरकारी योजना है। आप इसमें 15 सालों के लिए अपने पैसों को इनवेस्ट कर सकते हैं। योजना के तहत मेच्योरिटी पीरियड भी 15 सालों का है। साथ ही इस स्कीम में एक फाइनेंशियल ईयर के तहत 500 रुपये न्यूनतम और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं। साथ ही आप अपने अकाउंट को 15 सालों के मेच्योरिटी पीरियड के बाद आगे भी बढ़ा सकते हैं। इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें आपको टैक्स बेनिफिट का फायदा मिलता है। फिलहाल इसमें 7.1 फीसदी के हिसाब से ब्याज का फायदा मिल रहा है।
कहां पैसे निकालना है ज्यादा आसान
बैंक की एफडी स्कीम में आप समय से पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं। हालांकि अगर आप फिर भी इसमें से अपना पैसा निकालते हैं तो आप पर जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं पीपीएफ स्कीम में आप पांच साल पूरे होने पर आंशिक निकासी कर सकते हैं। हालांकि आप अपने पूरे पैसे तभी निकाल सकते हैं जब इस स्कीम के 15 साल पूरे हो जाएं।