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इन स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश करने पर आपको मिल सकती है 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट

टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट के लिए 31 मार्च की समयसीमा खत्म होने में महज कुछ ही दिन बचे हैं और टैक्सपेयर्स ऐसी कुछ पॉपुलर स्मॉल सेविंग स्कीम की तरफ देख रहे हैं, जिनके जरिये इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत छूट मिलती है। इन स्कीमों में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि एकाउंट (SSA), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) और 5 साल की पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट शामिल हैं

अपडेटेड Mar 27, 2024 पर 6:08 PM
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छोटी बचत योजनाएं ऊंची ब्याज दर और सुरक्षित रिटर्न की पेशकश करती हैं।

टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट के लिए 31 मार्च की समयसीमा खत्म होने में महज कुछ ही दिन बचे हैं और टैक्सपेयर्स ऐसी कुछ पॉपुलर स्मॉल सेविंग स्कीम की तरफ देख रहे हैं, जिनके जरिये इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत छूट मिलती है। इन स्कीमों में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि एकाउंट (SSA), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) और 5 साल की पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट शामिल हैं।

ये स्कीम्स ऊंची ब्याज दर और सुरक्षित रिटर्न की पेशकश करती हैं। हालांकि, यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि हर तिमाही में ब्याद दरों की समीक्षा की जाती है और सेक्शन 80सी के तहत उन लोगों को 1.5 लाख रुपये तक टैक्स बेनिफिट मिलता है, पुरानी टैक्स रिजीम का विकल्प चुनते हैं। बहरहाल, इन इंस्ट्रूमेंट्स में 5 साल से भी ज्यादा का लॉक इन पीरियड होता है। लिहाजा, आपको इन योजनाओं में सिर्फ तब निवेश करना चाहिए जब निकट भविष्य में कैश की जरूरत नहीं हो। इसके अलावा, आपको यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आप सिर्फ टैक्स बेनिफिट के लिए इन इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग के हिसाब से भी ठीक है।

हम आपको टैक्स बेनिफिट वाली ऐसी कुछ स्कीम्स के बारे में यहां बता रहे हैं:


पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

इस निवेश पर फिलहाल 7.1 पर्सेंट सालाना की दर से ब्याज मिलता है। फाइनेंस मिनिस्ट्री तिमाही आधार पर ब्याज दरों की समीक्षा करती है। आप किसी वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये निवेश कर सकते हैं, जबकि अधिकतम 1.5 लाख रुपये है। इसकी मैच्योरिटी 15 साल की होती है। हालांकि, प्री-मैच्योर निकासी की भी अनुमति है। मैच्योरिटी के बाद इसे पांच साल तक के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। इसमें पांच साल के बाद एक बार निकासी की अनुमति है। इस अवधि में खाता खोलने के साल को नहीं जोड़ा जाता है। उदाहरण के लिए अगर आपने खाता 2017-18 में खोला है, तो 2023-24 में एक बार निकासी कर सकते हैं। प्री-मैच्योर निकासी की अधिकतम सीमा चौथे साल की बैलेंस राशि का 50 पर्सेंट है।

सुकन्या समृद्धि एकाउंट (SSA)

इस स्कीम पर 8.2 पर्सेंट सालाना ब्याज मिलता है, जो बाकी स्मॉल सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स के मुकाबले ज्यादा है। इस योजना के तहत कम से कम 250 रुपये निवेश किया जा सकता है, जबकि अधिकतम सीमा 1.5 लाख है। 10 साल से कम उम्र की लड़की का गार्जियन यह खाता खोल सकता है और इसमें 15 साल तक निवेश किया जा सकता है। हालांकि, यह मैच्योर तभी होगा, जब लड़की की उम्र 21 साल हो जाए। अगर लड़की की उम्र 18 साल पूरी होने के बाद उसकी शादी होने वाली है, तो भी इसे पूरी तरह से निकाला जा सकता है।

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)- VIII इश्यू

इस इंस्ट्रूमेंट की अवधि 5 साल की होती है। इसके लिए न्यूनतम राशि 1,000 रुपये है। इस पर मौजूदा ब्याज दर 7.7 पर्सेंट है। ब्याज दर का गणना सालाना की जाती है, लेकिन इसका भुगतान मैच्योरी पर ही किया जाता है। कुछ खास परिस्थितियों को छोड़कर इसे प्री-मैच्योर अवधि में बंद नहीं किया जा सकता है।

सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS)

60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिक इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं और इसका लॉक-इन पीरियड 5 साल का होता है। इसमें न्यूनतम निवेश की राशि 1,000 रुपये है, जबकि अधिकतम 30 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है। ऐसे 1.5 लाख रुपये के निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत छूट मिलती है, बशर्ते आपने पुरानी टैक्स रिजीम का चुनाव किया हो। इस पर मौजूदा ब्याज दर 8.2 पर्सेंट है।

5 साल का टाइम डिपॉजिट

नेशनल सेविंग्स टाइम डिपॉजिट एक, दो, तीन और पांच साल की अवधि के होते हैं। सेक्शन 80सी के तहत छूट 5 साल के डिपॉजिट पर मिलती है। कम से कम डिपॉजिट 1,000 रुपये है। इस पर मौजूदा ब्याज दर 7.5 पर्सेंट है।

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